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________________ भेद ४६० [ ३६ ] क्रम सं० पृष्ठ सं० । क्रम सं. पृष्ठ सं० १८ चमरेन्द्र के अनीकों को सम्पूर्ण संख्या ५ किन्नर और किम्पुरुष कुलों के अवान्तर - और वरोधन के महिषों की संख्या ४४३ । १६ भूतानन्द को सातों अनीकों व धरणा- ६ अन्य देवों के प्रवान्तर नाम नन्द' की प्रथम अनीक की संख्या ४४५ ७ प्रत्येक कुल के इन्द्र, प्रतीन्द्र और २० प्रत्येक इन्द्र की अनीकों का एकत्र योग ४४६ | बल्ल भिकाएँ ४५६ २१ असुरकुमारादि देवोंको देवांगनाओं का ८ व्यन्तर देवों के निवास स्थान और प्रमाण ४४६ __उनके पुर २२ चमरेन्द्रादि इन्द्रों के पारिषद, अंगरक्षक है प्राकार, द्वार, प्रासाद, सभामण्डप एवं और अनीक प्रादि देवांगनाओंका प्रमाण ४४७ चैत्य वृक्ष ४६२ २३ असुरेन्द्र प्रादि दसों इन्द्रों को प्रायु का १० चैत्य वृक्षों में स्थित प्रतिबिम्ब और कथन मानस्तम्भ ४६ २४ इन्द्रादिकों की और उत्तरेन्द्रों की आयु । ११ वनों एवं नगरों का कथन का निरूपण १२ किन्नर आदि सोलह इन्द्रों की ३२ २५ चमरेन्द्र आदि इन्द्रों की देवांगनाओं गरणका महत्तरों के नाम ४५० १३ ध्यन्तर देवोंके नगरों एवं कूटोंका प्रमाण ४६५ २६ चमरेन्द्र प्रादि' इन्द्रों के अंगरक्षकों, सेना १४ क्यन्तर देवोंके निवासस्थानों का विभाग ४६६ महत्तरों व अनीक देवों की प्रायु १५ व्यन्तरेन्द्रों के परिवार देवों का विवेचन ४६७ २७ चमरेन्द्र प्रादि इन्द्रों के पारिषद् देयों १६ नित्योपपादादि वानव्यन्तर देबों का निवास क्षेत्र २८ असुर कुमार आदि इन्द्रों के शरीर की १७ व्यन्तर देवों की जघन्योत्कृष्ट प्रायु. प्रवऊँचाई, उच्छ्वास एवं आहार का क्रम ४५२ गाहना, पाहार, श्वासोच्छ वास और २६ भवनवासी देवों के प्रवधिज्ञान का क्षेत्र ४५३ अवधिज्ञान के विषय का प्रमाण ३० इन्द्रों की परस्पर स्पर्धा ४५४ १८ करणानुयोग पठन की प्रेरणा ३१ सिद्धान्तसार रूप श्रुतको पढ़नेकी प्रेरणा ४५४ १६ अधिकारान्त मंगल ४७१ ३२ अधिकारान्त मंगल ४५४ चतुर्दश अधिकार ज्योतिषी देवों का वर्णन प्रयोदश अधिकार व्यन्तरदेवों का वर्णन १ मंगलाचरण १ मंगलाचरण एवं प्रतिज्ञा ४५६ २ ज्योतिषी देवों के भेदों का प्ररूपण २ व्यन्तर देवों के पाठ भेद ४५६ | ३ ज्योतिर्देवों के स्थान का निर्देश ३ व्यन्त र देवों के शरीर का वर्ण ४५७ ४ ज्योतिविमानों का स्वरूप ४७५ ४ उनके मुख्य पाठ कुलों के अवान्तर भेद ४५७ । ५ उनके व्यास का प्रमाण ४७५ की आयु की आयु ४७०
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
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