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________________ पञ्चमोऽधिकार: [ १४१ प्रत्येक को अट्ठाईस-अट्ठाईस हजार परिवार नदियां हैं। इन सब का एकत्रित योग करने पर (२८०००४१२)=३३६००० अर्यात् तीन लाख ३६ हजार होता है । इस प्रकार पूर्वा पर विदेहस्थ सोता-सीतोदा की समस्त परिवार नदियां (८४०००+८४००० +९६००० + ३३६०००)= १४००००० प्रमाण होती हैं । अर्थात् सोता नदी की उत्तर कुरु की ८४००० + (६ विभङ्गा की १६८०००+ (पूर्व विदेह सम्बन्धो ३२ गंगासिन्धु की) ४४८०००+६ विभङ्गा+३२ गंगा + सिन्ध= ७७००३८ परिवार नदियां सीता नदी की हैं और इसी प्रकार की ७०००३८ सहायक सीतोदा की हैं। जम्बुद्वीपस्थ ६० प्रमुख नदियों का चित्रण निम्नप्रकार है मरहम बन - इनमें से (३८+३८)-७६ तो मल नदियां हैं और १४००००० सहायक हैं। गंगा, सिन्धु, रोहित, रोहितास्या, हरित् और हरिकान्ता इन ६ मूल नदियों की परिवार नदियों का एकत्रित योग (१४००० +१४००० + २८००० + २८००० + ५६००० ५ ५६०००)=१६६००० अर्थात् एक लाख ६६ हजार होता है । इसी प्रकार नारी, मरकान्ता, सुवर्णकूला, रूप्यकूला, रक्ता और रक्तोदा इन ६ मूल नदियों के परिवार का योग भी एक लाख ६६ हजार होता है। जम्बूद्वीप के समस्त क्षेत्रों
SR No.090473
Book TitleSiddhantasara Dipak
Original Sutra AuthorBhattarak Sakalkirti
AuthorChetanprakash Patni
PublisherLadmal Jain
Publication Year
Total Pages662
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Religion
File Size15 MB
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