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नो कप्पद निगंथीए एगाणियाए अहिया वियारभूमि वा विहारभूमि चा निक्ख. मित्तए वा पविसित्तए वा ॥१७॥
नो कप्पड निरगंथीए एमाणियाए गामाणुगामं इज्जित्तए वा वासावास वा
वत्थप ॥१८||
नो कप्पइ निग्गंधीए अचेलियाए होतए ॥१९॥ नो कप्पड निरगंथीए अपाइयाए होत्तए ॥२०॥ नो कप्पइ निग्गयीए वोसहकाइयाए होतए ॥२१॥
नो कपइ निर्माधीए बहिया गामम्स या णगरस्त या खेडस्स वा कबडस्स वा पणस चा मईचस्व वा आगरस्स वा दोणमुहस्त वा आसमम्स वा सण्णिवे सस्स चा उइदं बाहाओ पगिग्मिय पगिज्झिय सूराभिमुद्दीए एगपाइयाए ठिच्चा आया. जाए आयावित्तए, कापा से उबस्सयस्स अंतो वगहाए संघाडिपडिबदाए पलंवियवाहियाए समतलपाइयाए ठिच्चा आयात्रणाए आयाविनए ॥२२॥
नो कपइ निरगंथीए ठाणायइयाए होत्तए १२३|| नो कपड़ निग्गयोए पडिमछाइयाए होत्तए ॥ सू०२४ ।। नो कप्पाइ मिगंधीर णिसज्नियार होत्तए । ०२५॥ नो कप्पइ निग्गंथीए उक्कुटुगासणियाए (ठाणुक्कुडियाए) डोत्तए ।। मू. २६ ॥ नो कप्पड़ - निग्गंथीए वीरासणियाए होत्तए । सू० २७ ॥ नो कप्पद निगंयोए दंडासणियाए होत्तए । सू० २८ ।। नो कप्पइ निग्गंथीए लगंडासणियाए होत्तए ।। ८० २९ ॥ नो कप्पइ निगंथीए एगपासियाए होत्तए ।। सू०३० ॥ नो कप्पइ निग्गयीप उत्साणासणियाए होत्तए ॥ ५० ३१॥ नो कापइ निग्गंधीए ओमंथियाए होला ॥० ३२॥ नो कप्पद निगंथीए अंबखुज्जियाए होत्तए ॥ सू० ३३ ॥
नो कप्पइ निग्गंथीणं आकुंचणपग धारित्तए या परिहरित्तए वा ॥ ३४ ॥ कप्पर निग्गंयाणं आकुंचणपद्वगं धारितए वा परिह रित्तए वा ॥ ३५ ॥ नो कप्पइ निग्गंधीणं साबस्सयंसि आसणंसि चिद्वित्तए वा निसीइतप चा ॥३६॥