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५उपलक
गाथा
परसदेव बन्दे
अमित जोत्तमरणं जंग एकादहती हरिवभौमाय अपरापरजविरुद्धो सुहोविवारी यो हिसिर उ जन्धर्षे दीपखको भगमठत जायानो
मुहं फलातिरियो गमोपजन्तरखड अहमहमित भय
भा
चारणमग उदेस बादाम्प
हठयोगापाठ जोगा
उ
उपल वहति मिसिराही
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यौट
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को दीव कसायो
केवल खारायरक्षियो
ग्रन्थोक्त गाथाओं की अकारादि अनुक्रमणिका
गाया
पृष्ठ संख्या ३५५ जाहें मुसि पतिरही
३६२ जम्मम जय लगत ३६७ जुगमे यं वियोगो ३७१ जेमस विलयकसाथी ४४६ जिरामा मुगा वच साक्ष्य कम उर करुन धारय दब्बो वाप
५३२
भ
पृष्ठ संख्या
गाया
कवकचगद दिसंखो
२० किप्पा जितख बंधय
१२५ | कि शील कपोतथ
२४६ केवल कायमहारो
१४६
१७०
१६१
२६२
२७
३३६
३७२
४३५
५७
२७१
३५६
१३३
कम्मी शिवकशी
कृमय वार कफटो
फ
युवसम देश सीई
हि सुहायो सुधा जराषि पोको
ग
गला फासयमा योनी
गिर सिर कल पकाक छ
पुलिस सीतय उसराउ
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संवदिवा जहक पितामह जन्सी जहियतिध्यरिहितदूरक हिपुर कह सतकारी
१११ रघु हरिया
जिल-पूजा मुनि दाश
२४ जाय तो धम्ममूढय
२६८ | जीयमन्त्री
२५
२७६
भाग वेपत्तावेव
११५ कहिओ जारह झांग
३८
ण
१३७
२३६
३३८
१३७
नाम सुदिष्ट तरंगी
पान सथापाको
माम सथापण ब्
निम से दरिद
रोड़ बसर हरि दोक
द
विदामीचसप
४४
२०३
स
३०१ तो सविठी ३१६तिकाले शिया ये
३२० तस्कर पम्हिणी
३२४ तण वीजय बहू दासक
३३०
封
३४२चावर मिध जाणतो
पृष्ठ संख्या ३४६ ३५७ दव्व का भवमावो ३६१ दृष्य भय कालय ३६२ दोस प्रठारह रहियो ३६५ दोहती रहिय ४३७ | दव्वो तो काय
४३८
देसा धम्मसन्दा
२०४
४४५
भाषा
दालयत्वयप साथ
दुडणारी समितऊ
दुखण जौक समभावो
दीरध थिति जसो
सण व समायो
१२
३७
१३४ | धम्मोचतुपधारो
३१०
१०६
阿
धम्मीदम्यहेतव
३२६
३४७
१५३ धम्मत नगदी
धम्मतरुफल जनु धम्मभाषियंत्रय
1
२२
२६२ प महामहिय
कर ४४५ पणिदिकुतव पुण्य
ਹੁਣ ਜਾਂਦ
१३ ३६
११६
१२६
२६६
२५८
२६३
३४५
३५४
४३६
४७२
२६४
२६७
३२६
३४६
५३२
१०५
१२६
१८७
२०६
૧
२८