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________________ तहां बह ऊर: सिपी सरिय पोश्चम बत्र सो सुन्दर केशनकी आमाक धारे है। और महा उज्जवल, हीरा मयी दांत शोमैं हैं। और मुंगा समान लाल, अधर-ओष्ठ शोमैं हैं। नवीन कोंपल समान लाल ||५८२ उत्तम शोभा सहित, कोमल हस्तकी हथेलो, और पांवकी पगथली, शोभायमान हैं। ऐसे श्री जिनेन्द्र के प्रतिबिम्ब हैं। सो मानौं अब हो बोलें हैं। तथा अबही विहार करेंगे। मानौ देखें हैं। मानौं ध्यान रूप हैं। मानौं वाणी खिरे है। मानौं चैतन्य ही हैं। २००८ चिन्ह सहित हैं। तिनपर ६४ जातिके व्यंतरदेव, रत्नमयी आकार लिये खड़े हैं। पंक्तिबंध हस्त जोड़े खड़े हैं। सो मानों चमर ही ढोर रहे हैं। और तीन लौकके छन्न समान तीन छत्र, रत्नमयी, शीश पे शोभायमान हैं। ऐसे जिनबिम्बि एक-एक गर्भगृहमें, एक-एक हैं। ३०८ गर्भगृह हैं। तिनमें २७८ प्रतिबिम्ब विराजमान हैं। तिनको नमस्कार होऊ। रीसे कहे जिनबिम्ब, तिनके निकट दोऊ पार्श्वन वि श्री देवी, सरस्वती देवी, सर्वल्ह जक्ष देव, और सनत्कुमार देव। इन च्यारिके, रत्रमयी आकार पाईये हैं। ये महा भक्त हैं। जिनबिम्बनके निकट, अष्ट. मंगल-द्रव्य शोभे हैं । तिनके नाम-मारी, कलश, आरसी, ध्वजा पंखा, चमर, छत्र, और ठरणा सो एक जातिके, एक सौ आठ--एक सौ आठ जानना। जैसे भारी २०८. कलश २०८, ऐसे जानना। ऐसे गर्भगृह का सामान्य स्वरूप का। आगे इस गृह-बाह्य जो रचना और है। सो कहिए है.-पर्वमें कह्या जो देवछन्द मण्डप, सो नाना प्रकार रवमयी, स्वर्णमयी-फूलमालान करि शोभायमान है। ता मण्डप के पूर्व दिशाकं, जिन-मन्दिर है। ताके मध्य में, स्वर्ण-रूपामयी, ३२ हजार धूपघट है। और बड़े द्वारके दोऊ पावन विौं, २४ हजार धूप-घट हैं। बड़े द्वारनके बाह्य, ८००० रनमयी माला, शोभायमान हैं। तिन मालान के बोचि २४००० स्वर्णमयी माला हैं। तिन बड़े द्वारन के आगे सन्मुख, छोटे मण्डप हैं। ता विर्षे सोलह-सोलह हजार कनक मयी धूप-घट, अरु कनक मयो माला, अरु कनक कलश पाइये है। तहां मुख्य मण्डप के मध्य, अनेक प्रकार रमणीय शब्द करनहारा, स्त्रमयी छोटा घंटा है। सन्मुख द्वारके दोऊ तरफ के छोटे द्वार, तिन 4 सर्व रचना, मालादिक का विस्तार, बड़े द्वार ते आधा जानना। और सर्व मन्दिर के, तीन–तीन द्वार हैं। पीछे कूद्वार नाहीं। मन्दिर को पोधली भीति की तरफ, ८००० रत्नमयी और २४००० स्वर्णमयो माला हैं। घंटा, अपघड़े आदि अनेक रचना, पीछे कं जानना। सो तहाँ घंटा कह्या, सो तो मंडपकी २८२
SR No.090456
Book TitleSudrishti Tarangini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTekchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages615
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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