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________________ | ५५५ वासुपूज्य की आयु, बहत्तरि लाख वर्ष की है। तामें कुमार काल, अट्ठारह लाख वर्ष है। राज्यावस्था में नहीं रहे अरु व्याह भी नहीं किया, अट्ठारह लाख वर्ष के भय, तब ही तप लिया। सो संयमकाल, एक मास रहे। कैवलज्ञान सहित एक मास घाटि चौवन लाख वर्ष रह के, शिव गये।१२। विमल जिन की आयु साठ लाख वर्ष की है । तामें कुमारकाल पन्द्रह लाख वर्ष । राज्यावस्था तीस लाख वर्ष और संयमकाल, तोन महिना। तीन महीना घाटि पन्द्रह लाख वर्ष केवलज्ञान सहित रहे। पीछे निर्वास गये । १३ । अनन्त-जिन को आयु तीस लाख वर्ष है। तामें कुमारकाल, साढ़े सात लाख वर्ष । राज्यावस्था, पन्द्रह लास वर्ष । संयमकाल दीय मास । केवलज्ञान विर्षे दोय मास घाटि, साढ़े सात लाख वर्ष रहे ।१४। धर्म-जिन की आयु दश लाख वर्ष । तामें कुमारकाल, अढ़ाई लाख वर्ष और राज्यावस्था, पांच लाख वर्ष । संयमकाल एक मास। एक मास घाटि अढ़ाई लाख वर्ष, विहार करि मोक्ष गये । १५ । और शान्तिनाथ को आयु, एक लाख वर्ष । तामें कुमारकाल, पच्चीस हजार वर्ष । राज्यकाल, पचास हजार वर्ष । संयमकाल. सोलह वर्ष । सोलह वर्ष धाटि पच्चीस हजार वर्ष केवलज्ञान सहित विहार करि, मोक्ष गये ।१६। कुन्थुनाथ को भायु पनच्यानबै हजार वर्ष। तामें कुमारकाल पौने चौबीस हजार वर्ष । राज्यावस्था. सैंतालीस हजार वर्ष । संयमकाल सोलह वर्ष । सोलह वर्ष घाटि पौने चौबीस हजार वर्ष केवलज्ञान सहित उपदेश देय मोक्ष गये ।२७। अरह-जिन की आयु का प्रमाण चौरासी हजार वर्ष है। तामें कुमारकाल इकईस हजार वर्ष । राज्यावस्था ज्यालीस हजार वर्ष । संयमकाल सोलह वर्ष अरु सोलह वर्ण घाटि इक्कीस हजार वर्ष ताई, केवलज्ञान सहित उपदेश करि मोक्ष गये ।१८। मल्लिनाथ को आयु पचपन हजार वर्ण । तामें कुमारकाल सौ वर्ण । इनने राज्य नहीं किया। सौ वर्ष की अवस्था हो मैं तप धारया। संयमकाल षट् दिन और षट् दिन घाटि चौवन हजार नव सौ वर्षा ताई केवलज्ञान सहित उपदेश देय मोत गये।२६। मुनिसुव्रत-जिन को प्रायु तीस हजार वर्ष । तामें साढ़े सात हजार वर्ष कुमारकाल। राज्यकाल पन्द्रह हजार वर्ण । संयमकाल ग्यारह महिना । ग्यारह महिना घाटि साढ़े सात हजार वर्ष केवलज्ञान सहित विहार करि मोक्ष गये ।२० नमिनाथ की आयु दश हजार वर्ण । तामें कुमारकाल बढ़ाई हजार वर्ण । राज्यकाल पाँच हजार वर्ष। संथमकाल नौ वर्ष और नव वर्ष घाटि अढ़ाई हजार वर्ष, केवलज्ञान XX८
SR No.090456
Book TitleSudrishti Tarangini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTekchand
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages615
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size16 MB
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