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________________ + 卐 + + + + + ____ भावार्य-आचार्य कहे हैं, कोईप्रकार पर्यायदृष्टिकरि जाकै तीनपणा प्राप्त है, तोऊ शुद्धद्रव्य .. " दृष्टिकरि जो एकपणातें नाहीं च्युत भया है, ऐसा आत्मज्योति अनंत चैतन्यस्वरूप निर्मल उदयकू , " प्राप्त होता, ताहि सम निरंतर अनुभवे हैं। ऐसे कहनेते ऐसा भी आशय जानिये, जो सम्यम्दृष्टि ७२" पुरुष हैं, ते ऐसे ही अनुभव करौ, जैसें हम अनुभवे हैं ऐसे जानना। आगें कोऊ तर्क करे है, जो । 卐 आत्मा तो ज्ञानते तादात्म्यस्वरूप है, जुदा नाही, तातें ज्ञानको नित्य सेवे ही है। जानका उपासनेयोग्यपणाकरि याकू काहेते शिक्षा दीजिये है ? तहां आचार्य कहे हैं, जो यह ऐसें नाहीं । है, तातें आत्मा ज्ञानकरि तादात्म्यरूप है, तौऊ एक क्षणमात्र भी ज्ञानकू नाहीं से है। जाते है 1- स्वयंबुद्धत्व कहिये आपहीकरि जाननेते तथा बोधितबुद्धत्व कहिये परके जनावनेकरि याकै ज्ञानकी उत्पत्ति होय है। के तौ काललब्धि आवै तब आप ही जाणि ले, कै कोई उपदेश देनेवाला ॥ मिले तब जाणे, जैसे सूता पुरुष के तो आप ही जागै कै कोई जगावै तब जगेगा? ऐसे इहां फेरि पूछे हैं, जो ऐसे है, तो, जान्नेका कारण पहली आत्मा अज्ञानी ही है। जातें सदा ही याकै अप्रतिबुद्धपणा है। तहां आचार्य कहे हैं, यह ऐसे ही है, अज्ञानी ही है। बहुरि फेरि पूछे हैं, जो यह आत्मा कैतै एककाल अप्रतिबुद्ध है सौ कही। तहां आचार्य कहे हैं । गाथा कम्मे णोकम्मीि य अहमिदि अहकं च कम्म णोकम्म । 卐 जा एसा खलु बुद्धी अप्पडिबुद्धो हवदि ताव ॥१९॥ कर्मणि नोकर्मणि चाहमित्यहकं च कर्म नोकर्म। __यावदेषा खलु बुद्धिरप्रतिबुद्धो भवति तावत् ॥१९॥ तात्पर्यवृत्तिः–कम्मे कर्मणि ज्ञानावरणादिद्रव्यकर्मणि रागादिभावकर्मणि च णोकम्मलि य शरीरादिनोकर्मणि च का अहमिदि अहमिति प्रतीतिः अहकं च कम्म णोकम्मं अहकं च कर्म नोकर्मेति प्रतीतिः यथा घटे वर्णादयो मुणा घटा- ' 1- कारपरिणतपुद्गलस्कंधाश्च वर्णादिषु घट इन्यभेदेन जा यावंतं कालं एसा एषा प्रत्यक्षीभूता खलुस् फुटं बुद्दी कर्मनोकर्मणा । सह शुचुईकस्वभावनिजपरमात्मवस्तुनः एका बुद्धिः अप्पडिबुद्धो अप्रतिबुद्धः स्वसंवित्तिशून्यो बहिरात्मा इददि भवति ॥ 5 5 5 } } $ 55 55 + + 5 + +
SR No.090449
Book TitleSamayprabhrut
Original Sutra AuthorKundkundacharya
Author
PublisherMussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year1988
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size21 MB
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