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________________ + 5+ + + + + - अनुमोदनापरि मन वचन दोय लगाये। तातें बाराकी समस्या भई ।३४।१२। बहुरि आगामी कर्मकू मैं नाहीं करूंगा मनकरि कायकरि, ऐसा पैतीसवां भंग है। यामैं एक कृतपरि मन काय + ए दोय लगाये। तातें बाराको समस्या भई १३५।१२। बहुरि आगामी कर्मकू मैं अन्य प्रेरिकरि ।। नाही कराऊंगा मनकरि कायकरि, ऐसा छत्तीसवां भंग है। यामैं एक कारितपरि मन काय ए। 卐 दोय लगाये । तातें बारहकी समस्या भई ३६।१२। बहुरि आगामी कर्मक मैं अन्यडूं करते भला नाहीं जानूंगा मनकरि कायकरि, ऐसा सेतीसा भंग है। यामैं एक अनुमोदनापरि मन" काय ए दोय लगाये । तातें बारहकी समस्या भई ३७।१२। बहुरि आगामी कर्मक मैं न करूंगा + वचनकरि कायकरि, ऐसा अठतीसवां भंग है। यामैं एक कृतपरि वचन काय ए दोप लगाये। तातें बारहकी समस्या भई ३८।१२। बहुरि आगामी कर्मकू मैं अन्यकू प्रेरि नाहीं कराऊंगा' 卐 वधनकरि कायकर, ऐसा गुगतालीसा भंग है । यामैं एक कारितपरि वचन काय ए दोय ... लगाये । तातें वारहकी समस्या भई ।३९।१२। बहुरि आगामी कर्मकू मैं अन्यकू करते... भला का नाहीं जानूंगा वचनकरि कायकरि, ऐसा चालीसवां भंग है। यामें एक अनुमोदनापरि वचन । काय ए दोय लगाये। तातें बारहको समस्या भई ४०।१२। ऐसे नव भंग वारहकी समस्याके । + + । 卐 भये। + + बहुरि आगामी कर्मकू में नाहीं करूंगा मनकरि ऐसा इकतालीसवां भंग है। यामैं एक... कृतपरि एक मन लगाया। तातें ग्यारहको समस्या भई ।११।१११ बहुरि आगामी कर्मकू अन्य 卐 में प्रेरिकरि नाही कराऊंगा मनकरि ऐसा वियालीसवां भंग है। यामैं एक कारितपरि एक मन लगाया । तातें म्यारहकी समस्या भई ।४२।११। बहुरि आगामी कर्मकू मैं अन्यकू करतेकू" 9 भला नाहीं जानूंगा मनकरि, ऐसा सियालीसवां भंग है। याम एक अनुमोदनापरि एक मन लगाया। तातें ग्यारहकी समस्या भई ।४३।११। बहुरि आगामी कर्मकू मैं नाहीं करूंगा वचनकरि, ऐसा चवालीसवां भंग है। यामै एक कृतपरि एक वचन लगाया । तातें ग्यारहकी सम-फ़ +
SR No.090449
Book TitleSamayprabhrut
Original Sutra AuthorKundkundacharya
Author
PublisherMussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year1988
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size21 MB
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