SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 568
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ज $ $ $ $ हो लगाये, अर मन वचन काय तीनूं लगाये। तातें दुधा तीया ऐसा समस्यामैं तेईसका भंग 1+ नाम भया १८१२३ । बहुरि जो पापकर्म अतीतकालमै मैं किया, अर अन्यकू करतेकू मला 1- जाण्या, मन वचन कायकरि, सो पापकर्म मेरा मिथ्या होऊ । ऐसा नवमा भंग है । इहां कृत अनु" मोदना ए दोय ही लीये । अरमन वचन काय तीन ही लामै । तातें दूवा तीया ऐसी तेईसकी : समस्या भई । तातें तेईसका भंग नाम पाया । ९।२३ । बहुरि जो पापकर्म में अन्यकू प्रेरिकरि .. कराया, अर अन्य करतेकू भला जाण्या मन वचन कायकरि, सो पापकर्म मेरा मिथ्या होऊ। 卐ऐसा यह दशमा भंग है। इहां कारित अनुमोदना दोय ही लिये अरमन वचन काय तीन ही । ..लागे। तातें तेईसकी समस्याका भंग भया । १०३२ । ऐसे तेईसके भी तीन ही भंग भये।। म बहुरि जो पापकर्म में अतीतकालमें किया, अर अन्य प्रेरिकरि कराया मन वचनकरि सो - पापकर्म मेरा मिथ्या होऊ । ऐसा यह ग्यारहमा भंग भया । यामें कृत कारित दोय लिये। अर "मन वचन दोय लागे । तातें दोय दोय ऐसी बाईसकी समस्यातें बाईसका भंग नाम कहिये। ११।२२ । बहुरि जो पापकर्म में अतीतकालमें किया, अर अन्य करतेक भला जाण्या मनकरि वचनकार, सो पापकर्म मेरा मिथ्या होऊ । ऐसा बारवा भंग है । यामें कृत अनुमोदना दोय : जलिये । मन वचन ए दोय लागे । ताते वोईसकी समस्यातें बाईसका भंग कहिये । १२॥२२ । ....बहुरि जो पापकर्म में अतीतकालमें किया, अर अन्य प्रेरि कराया, अर अन्य करते भला । 卐 जाण्या मनकरि वचनकरि सो पापकर्म मेरा मिथ्या होऊ । ऐसा तेरवा भंग है। यामैं कृत कारित ५ दोय लीये । मन वचन दोय लागे । तातें बाईलको समस्यातें बाईसका भंग नाम पाया ।१३।२२ वहुरि जो मैं अतीतकालमें पापकर्म किया, अर अन्यकू प्रेरि कराया मनकरि कायकरि सो मेरा ॥ पर पापकर्म मिथ्या होऊ । यह चौदवा भंग भया । यामैं कृत कारित दोऊ लिये । मन काय दोष .. "लागे । तातें बाइसकी समस्यातें बाईसका भंग कहिये ।१४।२२ । बहुरि जो पापकर्म में किया । अतीतकालम, अर करतेकू अन्यक भला जाण्या मनकायकरि ऐसा पंदरवां भंग है। यामें कृत $ $ $
SR No.090449
Book TitleSamayprabhrut
Original Sutra AuthorKundkundacharya
Author
PublisherMussaddilal Jain Charitable Trust Delhi
Publication Year1988
Total Pages661
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy