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सर्वसन्त हितकाम्य धर्मननाधीश्वराय सर्व धिा परमेश्वराय त्रैलोक्य मोहनाय धरणेन्द्र पद्मावती सहिताय अतुलबल वीर्य पराक्रमाय अनेक दैत्य दानव कोटि मुकुट घृष्ट पाद पीठाय ब्रह्मा विष्णु रूद्र नारद खेचर पूजिताय समव्य जनानंद राय सर्व रोग मृत्यु घोरोप सर्ग विनाशाय सर्व देश ग्राम पुर पट्टन राजा प्रजा शांतिकस्य सर्व नीव विघ्न किंगरण समर्थाय श्री पाच देवावि देवाय नमोस्तु । श्री शिनराज पूजन प्रसादात सर्व सेवकानाम् सर्व दोष रोग शोक भयपीडा बिनाशनं कुरू कुरू सर्व शांति तुष्टि पुष्टि कुरु कुरू स्वाहा ।। ॐ नभो श्री शांति देवाय सर्वारिष्ट शांति कराय हाँ ही है, हों लः असिया उसा मम' सर्व विध्नं शांति कुरु कुरु स्वाहा मम लुष्टि पुष्टं कुरु मुर: राहा | श्री पारगाव गूजा प्रसादान बाद अशुभानि पापानि छिन्द २ मिन्द २, मम पर दुष्ट जनोपकृत मंत्र तंत्र दृष्टि मुष्टि छल छिद्र दोषान् छिन्द २ मिन्द २ मम अग्नि चोर जल सर्व व्याधि छिन्द २ भिन्द २, मारी कृतोपद्रवान् छिन्द २ मिन्द २, सर्व भैरव देव दानव वीर नरनारसिंह योगिनी कृत विघ्नान् छिन्द २ भिन्द २, डाकिनी शाकिनी भूत प्रेतादि कृत विघ्नान् छिन्द २ मिन्द २, भवनवासी व्यंतर ज्योतिषी देव देवी कृत विघ्नान् छिन्द २ भिन्द २, अग्निकुमार भयं छिन्द २ मिन्द २, उदधिकुमार भयं छिन्द २ भिन्द २, स्तनितकुमार भयं छिन्द २ भिन्द २, द्वीपकुमार दिक्कुमार भये छिन्द २ मिन्द २ वातकुमार मेघकुमार भयं छिन्द २ भिन्द २, इन्द्रादि दश दिग्पाल देव कृत विघ्नान् छिन्द र भिन्द २ जप विजय अपराजित माणिभद्र पूर्णभद्रादि क्षेत्रपाल कृत विनान छिन्द २ मिन्द २, राक्षस वैताल दैत्यदाना यक्षादि कृत विघ्नान चिन्द २ मिन्द २, नवग्रह देवता कृत सर्व ग्राम