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________________ { ११५ ) क्ली ब्लू सकारान्स्यमन्त्रं द्रो दी क्ली ब्लू सः इति मन्त्रम् 'क्षोभकर' जनक्षोभफरम् 'जपेत्' जपं कुर्यात् ।।१३।। [हिन्दी टीका]-इस यंत्र को भोजपत्र वा वस्त्र पर कपूर, केशरादि सुगंधित द्रव्यों से लिखे, और ॐ द्राँ द्री वली ब्लू सः । इस मंत्र का जन क्षोभ करने के लिये जप करना चाहिये ।।१३।। जन क्षोभकर यंत्र चित्र नं. ३३ नोट :-इस मंत्र की यंत्रविधि में संस्कृत प्रति में ॐ ह्रां ह्रीं ब्लू सः स्वाहा लिखा है, और सूरत की कापडीवाजी की प्रति में श्लोक ओर टीका दोनो में ही, ॐ द्री बलों सः स्वाहा लिखा हुआ है किन्तु हमारे पास मथुरा से लिखी हुई मूल टीका सहित प्रति में ॐ द्रो दी क्ली ब्लू सः स्वाहा लिखा है, हमे तो यही मंत्र ठीक जचता है क्योंकि पंचबाग सहित मत्र में हाँ ह्रीं किसी भी हालत में नहीं बनता, पंचबारग में द्राँ द्रीं क्लीं ब्लॉ सः ही बनता है, नवाब के यहां से प्रकाशित प्रति में भी हाँ हो ही लिखा है, किंतु ठीक नहीं है, अशुद्धपाठ है, इसलिये मेरे निर्णयानुसार ॐ द्रों द्री ली ब्लौं सः स्वाहा, यही मंत्र ठीक है। यंत्र में तीनों प्रतियों उपरोक्त मंत्र ही लिखा है यंत्र में किसी प्रकार का भेद नहीं है ।। अष्टदल कमल मध्ये स्वनाम तत्त्वं दलेषु चित्तभवम् । पुनरप्यष्टदलाम्बुजमिभदशकरणं ततो लेख्यम् ॥१४॥ [संस्कृत टीका]-'अष्टदलकमल मध्ये' अष्टदलाम्बुजमध्ये कणिकायाम् 'स्वनाम तत्वम्' स्वकोयनामान्वित हो कारम् । 'वलेषु चित्त भवम्' तदष्टदलेष क्लो कारम् । 'पुनरप्यण्टदलाम्बुजम्' पुनरपि अष्टदलपनम् । 'ततः तदष्टदलेषु 'इभवशकरणं को कारः 'लेख्यं लेखनीयः ।।१४।। [हिन्दी टीका]-अष्टदल कमल के अन्दर कणिका में अपने नाम सहित ह्री को लिखे, और अष्ट दल कमल में क्ली कार को लिखे, फिर ऊपर एक अष्टदल का कमल बनाबे, उस अष्टदल कमल में क्रो कार को लिखना चाहिये ।।१।। षोडशवलगतपय क्लौंकार तद्दलेष सुरभिद्रव्यः । क्लां क्लो फ्लू क्लौं कारस्तद् यन्त्रं वेष्टयेत् परितः ॥१५॥ [संस्कृत टीका]-'षोडशदलगतपद्मम्' पूर्वोक्ताष्टपत्रबहिः प्रदेशे षोडशबलान्वितं पा लिखेत् । 'कलौंकारं तहलेषु' तत् षोडशवलेषु क्लोंकारं लिखेत् । कैः ?
SR No.090432
Book TitleBhairava Padmavati Kalpa
Original Sutra AuthorMallishenacharya
AuthorShantikumar Gangwal
PublisherDigambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, & Occult
File Size5 MB
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