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विषय सर्वज्ञ के विना वेद से धर्माधम व्यवस्था की उपपत्ति आचार और स्मृति में घेद विना भी प्रामाण्य की शक्यता स्वतन्धपुरुष के बिना वेदसम्प्रदायप्रवृत्ति असंगत अनादि अग्धसंप्रदायवत् वेदसम्प्रदाय का अप्रामाण्य वेदार्थ में लौकिकपदार्थ नूल्यता अघटित घेद में प्रदीपादिवत् भ्रमकारकता संकेतापेक्षा होने पर स्वत: प्रामाण्य भंग वेदव्याख्या में अपीरुर्षयता का अमभव स्वनामनिर्देश के बिना भी ल्याभिप्राय निवेदन का सम्भव पदों की शक्ति का अर्थमात्र में सम्भव १३१ सर्वप्रणेता के बिना प्रामाण्य की अनुपपत्ति वेदवत् लौकिक वाक्यों में अपौरुषेयत्व की प्रसक्ति. ध्यंजकपक्ष में कार्यद्रय के असत्य की आपत्ति अनित्यपन में परायश्चिारण की उपपत्ति आनि में शक्तिमानी मीमांसक्रमत का परिहार गकारादि में शश्वत्यजाति अनिवार्य १३५ प्रत्यभिज्ञा से शब्द में एकत्यसिद्धि का असंभत्र शब्दनित्यताबादी का सविस्तर प्रतिपादन अबाधक
शात और झायमान में ऐक्य निगएद १३७ उत्पत्ति की प्रतीति में भ्रान्तता अनुपपन्न नहीं प्रत्यभिशा में सजातीयाभदविषयकता का निराकरण सविस्तर प्रतिपादन का निरसन २३८ तार-मन्दता शब्दों में आरोपित नहीं है तार-मन्दता को ध्यान के धर्म मानने में आपत्ति विजातीय वायुमयोग में गजकमा की भापनि खण्डितयणश्रवण की आपत्ति संस्कारायच्छदकायमछेदेन शब्दग्रहण की आशंका घटबत् शब्द में सभागत्य की प्रसकि-उत्तर एक शब्द के श्रवण में सर्वशब्दश्रवणापत्ति दृश्यस्वभाव से आधान में शरदपरिणामिता सिद्धि शब्द अनुत्पत्तिपक्ष में कोलाहलप्रनीति की अनुत्पत्ति भिल भिन्न वायुमंयोग को कारण मानने में गौरय गुणविशेष की कारणता की शंका का उत्तर विपयिता सम्बन्ध से जन्यतायटेदकता मानने पर आपति व्यञ्जक द्वारा भीत्र के संस्कारपक्ष में वर्णग्रहणापत्ति प्रतिमियत वर्णग्रहणानुकूल संस्कार नमक व्याक की आशंका
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