SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 366
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उसका परद्रव्य है । मूस (कुठाली-जिसमें डालकर उसे शुख सुवर्ण बनाया जाता है। उस हेमपाषाण का पर-क्षेत्र है। रात दिन अादि परकाल है। रसवादी (नियारिया-सोना शुद्ध करने वाला सुनार आदि ) की परिणति हेमपावारण का पर-भाव है। - इसी प्रकार अनानिधन चैतन्य-स्वभाव जीव स्वद्रव्य है। लोकप्रमारण उसके प्रदेश प्रात्मा के स्वक्षेत्र हैं । आत्मा के प्रतीत अनागत पर्याय स्वकाल हैं। विशुद्ध प्रतिशय से युक्त वर्तमान पर्याय आत्मा का स्वभाब है। उतम संहनन, (शरीर) प्रात्मा का पर-द्रव्य है । १५ कमभूमियाँ इस आत्मा ( कर्मभूमिंजमनुष्य) का परक्षेत्र हैं | यह दुःषमा पंचमकाल पारमा का पर.काल है। और तस्वोपदेश से परिणत प्राचार्य प्रादि पर-भाव हैं। इस प्रकार स्वचतुष्टय, परचतुष्टय का यह संक्षेप विवरण है। सप्तभङ्गी ॥१६॥ अर्थ-वस्तु कथन करने की सात भंग (तरह) होते हैं उसीको सप्त भंगी कहते हैं। उनके नाम ये हैं-१-स्यात्अस्ति, २-स्यान्नास्ति, ३--स्यादस्तिनास्ति ४-स्यादवक्तव्य, ५-स्यादस्ति प्रवक्तव्य, ६-स्यान्नास्ति प्रवक्तव्य, ७-स्यादस्तिनास्ति अवताव्य । __ कहा भी है एकस्मिन्नविरोधेन प्रमाण नयवाक्यतः । सदादिकपना या च सप्तभंगीति सा मता ॥१५॥ यानो-एक पदार्थ में परस्पर अविराध ( विरोध न करके ) रूप से प्रमाण अथवा नय के वाक्य से सत् ( है } श्रादि को जो कल्पना को जाती है वह सप्तभंगी है। "स्यात् अव्यय पद है इसका अर्थ कथंचित् यानी किसी अपेक्षा से' है। प्रत्येक पदार्थ अपने द्रव्य क्षेत्र काल भात्र की अपेक्षा है, यह स्यादस्ति ( स्यात् अस्ति ) है । जैसे-दिल्ली नगर अपने स्वरूप से है। प्रत्येक पदार्थ अन्य पदार्थ की अपेक्षा नहीं है, यह स्यान्नास्ति ( स्यात.. नास्ति ) भंग है। जैसे-दिल्ली. नगर बम्बई की अपेक्षा नहीं है। .. प्रत्येक पदार्थ एक ही समय में क्रम से अपनी अपेक्षा है और अन्य की अपेक्षा नहीं है। यह स्यादस्तिनास्ति भंग है। जैसे-दिल्ली नगर अपनी अपेक्षा से है. प्रोर बम्बई की अपेक्षा नहीं है। . . . . . .......: . *
SR No.090416
Book TitleShastrasara Samucchay
Original Sutra AuthorMaghnandyacharya
AuthorVeshbhushan Maharaj
PublisherJain Delhi
Publication Year
Total Pages419
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy