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________________ ( शान्तिसुधा सिन्धु ) अर्थ- जो कोई विवेक रहित मनुष्य अपने आत्माका यथार्थ धर्म वा स्वभावको छोडकर मुद्गलादिक परपदार्थोंके धर्मको स्वीकार कर लेता है, वह पुरुष इस संसार में परमार्थ दृष्टिसे चतुर होकर भी मूर्ख कहलाता है । अथवा धीर-वीर होकर भी भयभीत वा डरपोक कहलाता है । इस संसार में सब प्रकारके दुःख देनेवाले, सब प्रकारके संताप तथा विकार उत्पन करनेवाले कोध, मान, माया, लोभ और मोह परधर्म कहलाते हैं। इसप्रकार परधर्मका स्वरूप समझकर परधर्मको कभी धारण नहीं करना चाहिए । २४५ भावार्थ- जीवके दो भेद हैं. एक संसारी और दूसरा मुक्त | जो अपने-अपने कर्मोके उदयसे संसार में परिभ्रमण करनेवाला जीव है. उसको संसारी जीव कहते हैं, तथा जो जीव अपने समस्त कर्मोंको नष्ट कर अपने आत्माको अत्यंत शुद्ध बनाकर मोक्ष प्राप्त कर लेता है. उसकी मुक्त जीव कहते हैं। मुक्त श्रीवास्वभाव आत्माला शिवाव निजधर्म कहलाता है, और मंसारी जीवोंका स्वभावविभाव वा आत्माका परधर्म कहलाता है । इसका कारण यह है कि जो स्वभाव विना किसी दूसरे के निमित्त केवल आत्मा शुद्ध स्वरूप उत्पन्न होता है, उसकोही स्वभाव कहते हैं, तथा जो भाव दूसरे पदार्थोंके निमित्तमे आत्मा अशुद्ध स्वरूपमें उत्पन्न होता है, उसको विभाव वा परधर्म कहते हैं । जैसे स्फटिककी जो सफेद आभा दिखलाई पडती है, वह उसकी निजकी आभा है, परंतु यदि उस स्फटिकके पीछे लाल रंगका कोई पदार्थ रख देते है, तो उस स्फटिककी आभा लाल दिखलाई पडती है। यदि उस स्फटिकके पीछे पीले रंगका कोई पदार्थ रख देते हैं, तो उस स्फटिककी आभा पीली दिखाई देने लगती है। इसप्रकार उस स्फटिककी जो लाल व पीली आभा है, वह स्फटिककी आभा नहीं हैं, किंतु उस स्फटिकसे सर्वथा भिन्न ऐसे उस लाल वा पोले पदार्थकी आभा है, इसलिए वह आभा दूसरेकी मामा कहलाती है। इसप्रकार शुद्ध आत्माका स्वभाव, स्वभाव वा स्वधर्म कहलाता है और अशुद्ध आत्माका स्वभाव विभाव वा परधर्म कहलाता है । इसका भी कारण यह है, कि अशुद्ध आत्माका स्वभाव क्रोध, मान, माया, लोभ, मोह, काम आदि विकार कहलाते हैं, वे सब विकार कर्मोंके उदयसे उत्पन्न होते हैं ।
SR No.090414
Book TitleShantisudha Sindhu
Original Sutra AuthorKunthusagar Maharaj
AuthorVardhaman Parshwanath Shastri
PublisherBharat Varshiya Anekant Vidwat Parishad
Publication Year
Total Pages365
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size8 MB
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