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परम पूजा अन्चितप्रज्ञाशक्ति धारक आचार्य श्री. सुविधिसागर मी महाराज
पुगप्रमुख चारित्रशिरोमाण मन्मार्ग विवाका परमपूज्य प्राचार्य रान १०८ श्री विमलसागरजी महाराज हीरक जपम्ती के अवसरपर मोक्षित
पम्प मंगपा
भी परमपूज्य विश्र्वच महर्षि':. श्रीमदाचार्यवर्य नरेंद्रवंथ श्रीयुसागरविरचित शान्तिसुधासिन्धु
- - हिन्दी अनुवादक - श्री. धर्मरत्न पं. लालारामजी शास्त्री
- सम्पादक - स्व. पं. वर्धमान पार्श्वनाथ शास्त्री, सोलापूर
(विचारस्पति, प्यायकाव्यतीर्थ )
-प्रकाशक - भारतवर्षीय अनेकान्त वित् परिषर सोनागिर, दतिया ( मध्य प्रदेश)