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९९२-०२.०८२-८३४
नारक मिथ्याति १ अस्वाक्ष | मि रचना धर्मानारको मासादन
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सा
भास सासा स,
रमना ।
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, मित्र रखचा
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धम्मालारका
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असमर्म
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'बम्मानारक
सरत ! पर्याह रचना
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'यस्मानावका अयन अपोत, असं रबार।
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नयारिक
न:
निको
सामान्य आय
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रचन्ता