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। गोम्मटसार जीवकास आया ५४७
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घटाइये, जो प्रमाण होइ, तानी एक नाति मामार प्रजाप पंद्रह, ताका भाग दीजिए । बहुरि इहां आदि विषं पुष्कर समुद्र है । तिस विर्षे लवण समुद्र समान खंडनि का प्रमाण दोय की दोय बार सोलह करि गुणिए, इतना प्रमाण है, सोई मुख भया, ताकरि गुणिए, असें करते एक घाटि जगत्प्रतर कौं दोय सोलह सोलह का गुणकार पर सात - सात पंद्रह का भागहार भया । बहुरि इस राशि का एक लवण समुद्र विर्षे जंबूद्वीप समान चौईस खंड हो है । तात चौईसका गुणकार करना । बहुरि जम्बूद्वीप विर्षे सूक्ष्म क्षेत्रफल सात नव प्रादि अंकमात्र हैं । तातै ताका गुणकार करना बहुरि एक योजन के सात लाख अडसठि हजार अंगुल हो हैं । सो इहां वर्गराशि का ग्रहण है, अर वर्गराशि का गुणकार भागहार वर्गरूप ही हो है । ताते दोय बार सात लाख असठि हजार का गुणकार जानना । बहुरि एक सूच्यंगुल का वर्ग प्रतरांगुल हो है । तातें इतने प्रतरांगुलनि का गुणकार जानना । बहुरि---
विरलिदरासीदो पुरण, जैत्तियमेत्तासि हीलरूवारिण ।
तेसि अण्णोणहदी, हारो उप्पण्णरासिस्स ॥ इस करणसूत्र के अभिप्राय करि द्वीप समुद्रनि के प्रमाण विषं राजू के अर्धच्छेदनि तें जेते अर्धच्छेद घटाए हैं, तिनिका प्राधा प्रमाण मात्र गुणकार सोलह कौं परस्पर गुण, जो प्रमाण होइ, तितने का पूर्वोक्त राशि विष भागहार जानना । सो इहां जाका आधा ग्रहण कीया, तिस संपूर्ण राशि मात्र सोलह का वर्गमल च्यारि, तिनिकौं परस्पर गुण, सोई राशि हो है । सो अपने अर्धच्छेद मात्र दूवानि कौं परस्पर गुण तो विवक्षित राशि होइ, पर इहां च्यारि कहै हैं, ताते तितने ही मात्र दोय बार, दूवानि कों परस्पर गुणें, विवक्षित राशि का वर्ग हो है । तातें इहां लाख योजन का अर्धच्छेद प्रमाण दोय दूवानि का परस्पर गुण, तो लाख का वर्ग भया । एक योजन का अंगुलनि के प्रमाण का अर्धच्छेदमात्र दोय दूवानि कों परस्पर गुरणें, एक योजन के अंगुल सात लाख अडसठि हजार (तीन का) वर्ग भया । बहुरि मेरुमध्य संबंधी एक अर्धच्छेदमात्र दोय दूवानि कों परस्पर गुणे, च्यारि भया, बहुरि सूच्यंगुल का अर्धच्छेदमात्र दोय दूवानि कौं परस्पर गुणे, च्यारि भया । बहुरि सूच्यंगुल का अर्थच्छेद मात्र दोय दुवानि कौँ परस्पर गुरणे प्रतरांगुल भया । अॅसें ए भागहार जानने । बहुरि जलचर सहित तीन समुद्र मच्छ विर्षे घटाए हैं । तातें तीन बार गुणोत्तर जो सोलह, ताका भी.भागहार जानना । जैसे जगत्प्रतर की प्रतरांगुल पर दोय पर सोलह अर सोलह पर चौवीस पर सात से निवे कोडि छप्पन लाख चौराणब हजार