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५. 1
(सचितार-क्षपणासार सम्बन्धी प्रकरण द्रव्य कौं अपकर्षण करि अंतरायामादि विषं दीजिए है ताका, अर दर्शनमोह का उदय भए वेदक सम्यक्त्व वा मिश्र गुणस्थान वा मिथ्यादृष्टि गुणस्थान हो है, तिनके स्वरूप का वर्णन है।
बहरि क्षायिक सम्यक्त्व का विधान वर्णन है । तहां क्षायिक सम्यक्त्व का प्रारंभ जहां होइ ताका, पर प्रारंभ-निष्ठापन अवस्था का वर्णन है । बहुरि अनंतानुबंधी के विसंयोजन का वर्णन है । तहां तीन करणनि का भर अनिवृत्तिकरण विर्षे स्थिति घटने का अर अन्य कषायरूप परिणमने के विधान प्रमाणादिक का कथन है। . बहुरि विश्राम लेइ दर्शनमोह की क्षपणा हो है, ताका विधान वर्णन है । तहां संभवता स्थितिकांडादिक का वर्णन है । पर मिथ्यात्व, मिश्रमोहनी, सम्यक्त्वमोहनी विष स्थिति घटावने का, बा संक्रमण होने का विधान वर्णन करि सम्यक्त्वमोहनी की आठ वर्ष प्रमाण स्थिति रहे अनेक क्रिया विशेष हो हैं, वा तहा गुणश्रेणी, स्थितिकांडकादिक विर्षे विशेष हो है, तिनका वर्णन है । बहुरि कृतकृत्य वेदक सम्यग्दृष्टि होने का बा तहां मरण होते लेण्या वा उपजने का, वा कृतकृत्य वेदक भए पीछे जे क्रिया विशेष हो हैं अर तहां अंतकांडक बा अंतफालि विर्षे विशेष हो है, तिनका वर्णन है। बहुरि क्षायिक सम्यक्त्व होने का वर्णन है। बहुरि क्षायिक सम्यक्त्व के विधान विर्षे संभवते काल का तेतीस जायगां अल्पबहुत्व वर्णन है। बहुरि क्षायिक सम्यक्त्व के स्वरूप का वा मुक्त होने का इत्यादि वर्णन है।
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बहुरि चारित्र दोय प्रकार - देशचारित्र, सकलचारित्र । सो ए जाके होइ वा सन्मुख होत जो क्रिया होइ सो कहि देशाचारित्र का वर्णन है। तहां वेदक सम्यक्त्व सहित देशचारित्र जो अहै, ताके दोइ ही कारण होइ, गुणश्रेणी न होइ, देशसंयत को प्राप्त भए गुणश्रेणी होइ इत्यादि वर्णन है । बहुरि एकांतवृद्धि देशसंयत के स्वरूपादिक का वर्णन है । बहुरि अधःप्रवृत्त देशसंयत का वर्णन है। तहां ताके स्वरूप-कालादिक का, अर तहां स्थिति-अनुभायखंडन न होइ, अर तहां देशसंयत ते भ्रष्ट होइ देशसंयत कौं प्राप्त होइ ताक करण होने न होने का, अर देशसंयत विर्षे संभवते गुणश्रेण्यादि विशेष का वर्णन है । बहुरि देशसंयम के विधान विर्षे संभवते काल का अल्पबहुत्वता का वर्णन है । बहुरि जघन्य, उत्कृष्ट देशसंयम जाकै होइ ताका, अर देशसंयम विष स्पर्द्धक का अविभागप्रतिच्छेद पाइए ताका वर्णन है । बहुरि देशसंयम के स्थाननि का, अर तिनके प्रतिपात, प्रतिपद्यमान, अनुभयरूप तीन प्रकारनि का, अर ते कम
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