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| गोसार नोक गाथा २८०.२०१
संसारी जीवनि का परिमाण में स्यों पुरुष वेदी पर स्त्री वेदी जीवनि का परिमाण घटाएं जो अवशेष प्रमाण रहे; तितने नपुंसकवेदी जीव जानने ।
roar gइत्थसणी, सम्मुच्छरसण्णिपुण्णमा इबराः । कुरुजा असष्णिगन्भजनपुइत्थीवाणजो इंसिया ॥ २८० ॥
थोवा तिसु संखगुणा, तत्तो आवलिअसंखभागगुणा । पल्लासंखेज्जगुणा, तत्तो सव्वत्थ संखगुणां ॥२८१ ॥
गर्भनपुंस्त्रीसंज्ञिनः सम्मूर्छन संजिपूर्णका इतरे । कुरुजा असंज्ञिगभंजनपुंस्त्रीवानज्योतिष्काः ॥ २८०॥
eater fry संख्याः, तत श्रावल्यसंख्यभागमुखाः । पल्या संख्येयगुणाः, ततः सर्वत्र संख्यगुणाः ॥२८१॥
टीका - सैनी पंचेद्री गर्भज नपुंसक वेदी, बहुरि सैनी पंचेद्री गर्भज पुरुष वेदी, बहुरि सैनी पंचेंद्रिी गर्भज स्त्री वेदी, बहुरि सम्मूर्छन सैनी पंचेंद्रिय पर्याप्त नपुंसक वेदी, बहुरि सम्मूर्छन सैनी पंचेंद्री अपर्याप्त नपुंसक वेदी, बहुरि भोगभूमियां गर्भज सैनी पंचेंद्री पर्याप्त पुरुष वेदी वा स्त्री वेदी, बहुरि सैनी पचेंद्री गर्भज नपुंसक वेदी, बहुरि प्रसंनी पंचेंद्रिी गर्भज पुरुष वेदी, बहुरि प्रसंनी पंचेंद्री गर्भज स्त्री वेदी, बहुरि व्यंतरदेव, पर ज्योतिषदेव-ए ग्यारा जीवराशि अनुक्रम लें ऊपर-ऊपर लिखनी ।
पूर्वे जो ग्यारा राशि कहे, तिनि विषै नीचली राशि सैनी पंचेंद्रिी गर्भज नपुंसक वेदी सरे सर्व स्तोक है । आठ बार संख्यात भर भावली का असंख्यातवां भाग अर पल्य का असंख्यातवां भाग अर पेंसठि हजार पांच से छत्तीस प्रतरांगुल, इनका भांग जगत्प्रतर को दीएं, जो परिमाणं श्रावै, तितने जानने ।
बहुरि याके ऊपर सैनी पंचेंद्रिी गर्भज पुरुष बेदी स्यों लगाइ, तीन राशि अनुक्रम ते संख्यात गुरणा जानना ।
. बहुरि चौथी राशि तें पंचम राशि संमूर्छन सैनी पंचेंद्री पर्याप्त नपुंसक वेदी आवली का असंख्यातवां भाग गुणाः जानता ।