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सम्पायानचन्द्रिका भाषाटीका
( રદ
बहरि सम्यक्त्व मार्गणा विर्षे छह भेदनि विषै अपने-अपने गुणस्थाननि का सामान्यवत् काल है । विशेष इतना ~ प्रौपशेमिक सम्यक्त्व विधै असंयत, देशसयत 'का जघन्य अंतर्मुहूर्त उत्कृष्ट पल्य का असंख्यातवां भाग अर प्रमत्तं, अप्रमत्त का जघन्य एक समय, उत्कृष्ट अंतमुहूर्त काल है ।
बहुरि संज्ञी मार्गणा विर्षे दोऊ भेदनि विर्षे अपने-अपने गुणस्थानान का सामान्यवत् काल हैं।
बहुरि आहार मार्गरणा विर्षे आहारक विषं मिथ्यादिष्टयादि सयोगौं पर्यन्तनि को सामान्यवत् काल है । अनाहारक विर्षे मिथ्यादृष्टि का सर्वकाल, सासादनं असं. येत का जघन्य एक समय, उत्कृष्ट प्रावली का असंख्यातवां भाग, सयोगी का जघन्य तीन समय, उत्कृष्ट संख्यांत समय, अयोगी का सामान्यवत् काल है ।
अब एक जीव अपेक्षा काल कहिए हैं, तहां प्रथम सामान्य करि मिथ्यादृष्टि का काल विर्षे तीन भंग - अनादि अनंत, अनादि सांत, सादि सतिं । तही सादि सांत काल जघन्य अंतर्मुहूर्त, उत्कृष्ट देशोन अर्धपुद्गल परिवर्तन मात्र है। किंचित हीन का नाम देशोन जानना । बहुरि सासादन का जघन्य एक समय, उत्कृष्ट छह प्रावली मिश्र का जघन्य वा उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त ; बहुरि असंयत का जघन्य अंतर्मुहूर्त, उत्कृष्ट साधिक तेतीस सागर, संयतासंयत का जघन्य अन्तमुहूर्त, उत्कृष्ट देशोन कोडि पूर्व प्रमत्त-अप्रमत्त का जघन्य एक समय, उत्कृष्ट अंतर्मुहुर्त; च्यारौं उपशम श्रेणीवालों का जघन्य एक समय, उत्कृष्ट अंतमुहर्त; च्यारौं क्षपक श्रेणीवाले वा अयोगिनि का जघन्य वा उत्कृष्ट अंतर्मुहूर्त; सयोगी का जघन्य अंतर्मुहूर्त, उत्कृष्ट देशोन कोडि पूर्व काल है।
अब विशेष करि कहिए हैं - गति मार्गणा विर्षे सातौं पृथ्वीनि के नारकीनि विष मिथ्यादष्टि का काल जघन्य अंतर्महर्त, उत्कृष्ट क्रम ते एक, तीन, सात, दश, सतरह, बाईस, तेतीस सागर । सासादन मिश्र का सामान्यवत्, असंयत का जघन्य अंतर्मुहूर्त, उत्कृष्ट देशोन; मिथ्यादृष्टि का उत्कृष्ट कालप्रमाण काल है। .
नियंचगति विर्ष - मिथ्यादृष्टि का जघन्य अंतर्मुहूर्त, उत्कृष्ट असंख्यात पुद्गल परिवर्तन मात्र अनंत काल है । सासादन, मिश्र, संयतासंथत का सामान्यवत्, तहां असंयत का जघन्य अन्तर्मुहूर्त, उत्कृष्ट तीन पल्य काल है ।
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