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लालसजनपिसाबमस्याला
सहायक ग्रन्थों की सचि
क्रम ।
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......... ग्रन्थ का नाम लिंगपाहुड सुभाषित रत्न सन्दोह इष्टोपदेश रलमाला ज्ञानार्णव तत्त्वभावना समाधिशतक कार्तिकेयानुप्रेक्षा मूलाचार श्रृंगार वैराग्य तरंगिणी बारहभावना बारहभावना
| ग्रन्थकर्ता आचार्य श्री कुन्दकुन्द जी आचार्य श्री अमितगति जी आचार्य श्री पूज्यपाद जी आचार्य श्री शिवकोदि जी आचार्य श्री शुभचन्द्र जी आचार्य श्री अमितगति जी आचार्य श्री पूज्यपाद जी आचार्य श्री स्वामी कुमार जी आचार्य श्री वट्टकेर जी आचार्य श्री प्रभाचन्द्र जी पंडितप्रवर श्री मंगतराम जी पंडितप्रवर श्री धानतराय जी
मनुष्य मरणधर्मा है। उसका जीवितव्य पानी के बलबूले की भाँति ही क्षणस्थायी है। जबतक जिन्दगी की धड़कनें शेष हैं, तबतक मनुष्य को अपने आत्मकल्याण कर लेना चाहिये। यह शिक्षा जिनवाणी माता प्रतिपल दे रही है। जो इस शिक्षा को ध्यान में रखकर अपने जीवन के प्रत्येक समय को व्यतीत करता है उसके जीवन में मृत्यु किसी भी पल आ जाये, उसे|| अफसोस नहीं होता है।
मुनि सुविधिसागर