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६२७४ चौरासीजाति जयमाल - X एव विषय इतिहास २० काल X। जैन मन्दिर फतेहपुर मेलावाटी (सीकर)
काल x
६२७५. चौरासी जाति की विहाडी - x १ पत्रसं० ३ हिन्दी विषय इतिहास २० काल x ०काल X दि० जैन मन्दिर कर जयपुर ।
विशेष- चौराखी जातियों की देवियों का वर्णन है। ६२७६. जयपुर जिन मंदिर यात्रा
पं० गिरधारी
१० काल X
भाषा - हिन्दी विषय या वर्गात (इतिहास) ५३६ । प्राप्ति स्थान - महारकीय दि० जैन मन्दिर अजमेर ।
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६२७७. तीर्थमाला स्तवन -- x | विषय - इतिहास । २० काल X | ले०काल X।
मन्दिर उदयपुर
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७ ।
पूर्ण
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हिन्दी विषय इतिहास १० काल स्थान – दि० जैन मन्दिर संभवनाथ उदयपुर ।
विशेष – रचना निम्त प्रकार है
[ ग्रन्थ सूची- पंचमभाग
प्रा० ७३४५ इश्छ । भाषा - हिन्दी वेष्टन सं० १०१ प्राप्ति स्थान दि०
० १० २४५ इ ंच ! भाषा अपूर्ण वेटन सं० ६७५ प्राप्ति स्थान
से
पत्र सं० १३० १३६ । काल सं० १६०८ पू वेष्टन सं०
विशेष सं० १५२९ ६२७८. निर्वास का
माघ बुदी ६ दिने शुक्रवारे लिखित | भावा विषय - इतिहास २० काल से काल मन्दिर नेमिनाथ टोडारायसिंह (टोंक)
0
पत्रसं० ३ । था० १० पूर्ण । वेष्टन सं० १३२ ।
इश्व । भाषा - हिन्दी पद्य प्राप्ति स्थान - दि० जैन
।। ११५६च भाषा - प्राकृत । पूर्ण वेष्टन सं० ११-१६ प्राप्ति स्थान दि० जैन
I
६२७१. प्रतिसं० २०२० ११३६ इच ले०काल X पूर्वं पेटुन ० ३६ । प्राप्ति स्थान दि० जैन पंचायती मन्दिर करोली |
० ११४५३ इन्च |
६२८० निर्वाण कांड भाषा- भैया भगवतीदास पत्र० ५ भाषा - हिन्दी पथ | विषय - इतिहास । १० काल सं० १७४१ । ले०काल x । पूर्णं । वेष्टन सं० ५६ । प्राप्ति स्थान – दि० जैन मन्दिर तेरहृपंथी दौसा ।
विशेष- प्राकृत निर्वाण काण्ड की भाषा है ।
६२१. पद्मनंविगच्छ की पट्टावली- देवाब्रह्म पर सं० ७ का X पूर्ण
प्रा० ११४४ न ० ३४२ / ४१२
बिकसी भव्य पंकज दर्श इवि गुरु इन्द्र समान ए जाखीएजु नदीनाथ सुनापति पुत्र विकट कुशित हथि विस बाखीएजु अज्ञान किं चनिकंदन कुं एह ज्ञान कि भानु वरवाणी एजु । देवजी का वाणी रवि गछ नामक पचनंदि जग मानिये ॥१॥ व्याकरण छंद मलक्षिति काव्य सुतर्फ पुराण सिद्धांत परा नवतेज महाव्रत पंचसमिति किं ग्राइपरे चरणा भ्रमरर । ओर ध्यान कि ज्ञान गुमान नहि तजि लाभ लीम तरुणा श्रीवरा । रामकीत पट्टोघर पद्मनंदि कहि देवजी ब्रह्म सेवो सुनरा ॥ २ ॥
भाषाप्राप्ति