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________________ काव्य एवं चरित ] ३४७६. नागकुमार चरित्र - विबुधरत्नाकर । पत्र [सं० २६ । ० १११ × वेष्टन सं० १३६, १६ भाषा संस्कृत । विपय चरित्र । २० काल x । ले० काल x । पूर्ण स्थान दि० जैन पार्श्वनाथ मंदिर, इन्दरगढ़ ( कोटा ) ) -- [ ३४१ ६ इव । प्राप्ति ३८५७ प्रतिश०२० २१X५ इञ्च । ले०काल सं० १८०३ । पूर्ण । वेष्टन सं० २४४ । प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर वोरसली कोटा । विशेष-गांडा में चन्द्रप्रभ चैत्यालय में प्रतिलिपि हुई थी । ३४७८. प्रति सं० ३ पत्र सं० ५२ ॥ श्र० ११४४१ इंच । ले० काल सं० १९६१ फागुण सुदी १५ । पूर्ण न सं० ३४ | प्राप्ति स्थान- दि० जैन अग्रवाल मंदिर, नैणवा । विशेष-१० रत्नाकर ललितकीर्ति के शिष्य थे । ३४७९. प्रतिसं० ४ ० ४७ ० १३:४५ इव । ले० काल सं० १८७५ चैत्र सुदी ६। पूर्ण वेष्टन सं० ५८ प्राप्ति स्थान- दि० जैन मंदिर नगदी बूंदी | विशेष – ब्राह्मण चिरंजी ने उगियारा में प्रतिलिपि की थी। पं० निहालचन्द ने इसे जैन मन्दिर में रावराजा भीमसिंहजी के शासन में चढाया श्री ३४८०. नागकुमार चरित्र - नथमल दिलाला । पत्र सं० ८७ । प्रा० १९४५३ इञ्च | भाषा - हिन्दी पथ | विषय - चरित्र । २० काल सं० १८३७ माह सुदी ५ ले० काल सं० १८७८ सावन सुदी । पु । वेस्टन सं० १५८ । प्राप्ति स्थान - दि० जैन पंचायती मन्दिर करौली । ८ विशेष- नेमिचन्द्र श्रीमाल ने करौली में गुमानीराम से प्रतिलिपि करवाई थी । ३४८१. प्रति सं० २ । पत्र संख्या १०६ | श्र० ११X५ इश्व | ले० काल सं० १६६१ फाल्गुन सुदी पूर्ण वेटन सं० १६ प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर पार्श्वनाथ चौगान बंदी | ३४५२. प्रति सं० ३ । पत्र सं० ४८ ॥ श्र० ११३ x ५ | ले० काल x । द्यपूर्ण । बेष्टन सं० ५६ / ६६ । प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर बडा बीसपंथी दौसा । विशेष अन्तिम पत्र नहीं है । ३४८३. प्रति स० ४ पत्र० १०७ | आ० ११४ ५१ । ले० काल सं० १८७६ साबरण सुदी १३ । पू । वेष्टन सं० ६१ प्राप्ति स्थान- दि० जैन मन्दिर तेरहपंथी दोसा | 1 विशेष – पोलीलाल की बहने प्रतिलिपि कराई । . ३४८४. प्रतिसं० ५ । पत्र ७५ । झा० ११३ X ५ इव ले०काल सं० १८७७ द्वि ज्येष्ठ मुदी दि० जैन मन्दिर ही दौसा । ३ पूर्ण | बेटन सं० ६ प्राप्ति स्थान विशेष – जसलाल तेरहपंथी ने पन्नालाल साहू बसवा वाले से देवगिरि (दौसा) में प्रतिलिपि करवाई । ३४८५. प्रतिसं० ६ । पत्र [सं० ८०० ११६ X ५६ इव । ले० काल X: पूर्णं । चेष्टन सं० ६२/८१ । प्राप्ति स्थान दि० जैन मंदिर बड़ा बीस पंथी दोसा | ३४५६. प्रतिसं० ७ । पत्र सं० ४६-६६ । ० १०३५ । ले० काल X। श्रपूर्णं । वेष्टन सं० १८ । प्राप्ति स्थान दि० जैन मन्दिर बडाबीस पंथी दौसा । विशेष – चिम्मनराम तेरहपंथी ने दौसा में प्रतिलिपि की थी।
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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