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________________ प्रधानुक्रमणिका ] [ १२९६ . TheE . MEE ८२३ बथ नाम लेखक भाषा पन्न संख्या | मंथ नाम लेखक भाषा पत्र संख्या त्रिषष्ठि स्मृति सं० २७६ विश्चतुर्विशति पूजा-शुभचन्द्र सं. १०८५ शा -आरामल: श्रेपल क्रिया-हेमचन्द्र ज्ञातृ धर्म कथा दोका १०६३ शात धर्म सूत्र ___४० अपन क्रिया कोमा १८१ ज्ञान कल्याण स्तुधन १०६१ श्रेपन क्रिया कोश-किशनसिंह। शान गीता स्तोत्र वेपन क्रिषा कोश- गुलाल । १०७७ जानचा श्रेषन क्रिया गीत---शुभचन्द्र ओपन क्रिया गीत-सोमकीति १०२५ जान चालीसा श्रेषन क्रिया पूजा ६४८ ज्ञान चिन्तामणि १८१, अपन क्रिया पूजा--देवेन्द्र कीति वेपन क्रिया रास-हर्षकीर्तिहि १०३२ १०३२ | ज्ञान चिन्तामणि-मनोहरदास हि १०६, रन क्रिया प्रतोद्यापन सं० २३ ६५७, १०११, २०५६ श्रेपन क्रिया प्रतोद्यापन--विक्रमदेव सं० ज्ञान चूनडी भगवतीदास ११२३ ११२४ हि. ज्ञान चूनडी-वेगराज श्रेपन क्रिया विधि-दौलतराम हि० ११४२ ज्ञान जकडी-जिनदारा वैपन क्रिया विनती- गुलाल हि. जान दर्पण-दीपद कासलीवाल हि० १०६, पन भाव हि०१०१७ श्वेपन भाष चर्चा शान शासक-यानतराय हि १०४३ हि. असल शलाका बन ज्ञान दीपिका भाषा १०६ १००५ ज्ञान पच्चीसी हि० १८०, प्रेसट शलाका पुरुस वर्णन ९, १०४७, १०१७, ११०२ सह पलाका पुरुस भवावलि हि. ११३४ | ज्ञान पच्चीसी-बनारसीदास हि ११०, लोय मोहन कवच १४१, ६६०. ११४५ अलोक्य मोहनी मंत्र ज्ञान पंचमी व्याख्यान-कनकशाल सं० ११० त्रैलोक्य वसान ६५६ ज्ञान भास्कर सं. ११८२ त्रैलोक्यसार ११६५ ज्ञान मंजरी श्रलोक्य सार संदृष्टि ६१३ जान लावणी जान समुन्द्र - जोधराज गोदीका हि. ११७, त्रैलोक्य स्वरूप-सुमति कीति अलोक्य स्थिति वर्णन ज्ञानसार--मनन्दि त्रैलोक्यश्वर जयमाल ६६३ | ज्ञानसार-मुनि पोमसिंह प्रा. ६४४ ४१
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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