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प्रन्थानुक्रमणिका ]
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१२५५
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हि
सं०
ग्रंप नाम लेखक भाषा पत्र संख्या | अथ नाम लेखक भाषा पत्र संख्या पंचास्तिकाय भाषा--बुधजन हि ५४ प्रतिक्रमण टीका-प्रभाचन्द्र सं० २०६ पञ्चास्तिकाय भाषा---पासे हेमराज हि०प० ५३, | प्रतिक्रमण पाठ
प्रा०हि. २०६ प्रतिक्रमण पाठ
स. ११४७ पंचास्तिकाय माषा-हीरानन्द कि०५०
प्रप्रिक्रमए सूत्र
प्रा० २०६,
२१०, ११५३ पंचांग
५५१ प्रतिज्ञा पत्र पंचांग
५५१ प्रतिमा बहत्तरी-यानतराम हि. १३६, पंचेन्द्रिय गोत-जिनसेन हि० १०२५
१११४, ११६० पंचेन्द्रियका ब्योरा
प्रतिमा स्थापना
प्रा०८८७ पञ्चेन्द्रिय वेलि
प्रतिष्ठा कल्प -अकलक देव सं. ८८७
३, १०२७ प्रतिष्टा सिसक-प्रा. नरेन्द्र सेन सं. ८८७ पंचेन्ट्रियबेलि-ठकुरसी हि०१२, प्रतिष्ठा पद्धति
८८७ ९८४, १०५४, १०८६ | प्रतिष्ठापाठ पंचेन्द्रियवेलि-धेल्ह
१०४२ पंचेन्द्रिय संवाद-भैया भगवतीदास हि. ११८ प्रतिष्ठा पाय--प्राशाधर सं० ८८८ पंचेन्द्रिय संवाद --यश कीति सूरि हि० ११६८ प्रतिष्ठा पाठ-प्रभाकर सेन पंडितगुण प्रकाश-नल्ह
प्रतिष्ठा पाठ
संहि. पंडित जयमाल
११०७ प्रतिष्ठा पाठ टीका-परशुराम सं० पंक्तिमाला
प्रतिष्ठा पाठ वनिका पंथराह शुभाशुभ
| प्रतिष्ठा मंत्र संग्रह प्रक्रिया कौमुदी-समचन्द्राचार्य सं०
| प्रतिष्ठा मंत्र संग्रह
सं०हि प्रक्रिया व्याख्या -चन्द्रकीति सूरि सं.
प्रतिष्ठा मंत्र
मह प्रक्रिया संग्रह
| प्रतिष्ठा विधि -- माशावर संब ८६ प्रकृति विच्छेद प्रकरण-जयतिलक सं० ५७६ प्रतिष्ठा विवरण प्रज्ञापना सूत्र ( उपांग) प्रा.
प्रतिष्ठासार संग्रह-पा० यसुन्दि सं० ८५० प्रज्ञाप्राकाश षत्रिशका-रूपसिंह सं. प्रज्ञावल्लरीय
सं ११६० प्रतिष्ठा सारोद्वार-प्राशाधर प्रचूर्ण गाथाना अर्थ
प्रा० १९६० प्रत्यान पूलि पाउ प्रतिक्रमण
प्रा०सं० २००,
प्रत्येक बुद्ध चतुष्टय कथा मं०
२०६ प्रद्य म्न कथा-द्रवेणीदास हि. ११६७ प्रतिक्रमण
सं० १६० | प्रद्य म्न कथा--सिंहकबि प्रप० ११५८
प्रद्य म्न कथा प्रवध-भ. देवेन्द्रकीति हि० ४६१ ११२७, ११३६ | प्रद्युम्न चरित्र
३५३ प्रलिकमण-गौतम स्वामी प्रा० २०६।
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