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[ प्रन्थ सूची-पंचम भाग
६. वासुपूज्य स्तोत्र--मेश्चन्द्र । संस्कृत । ७. तत्वार्थमूत्र--उमास्वामी। , ८, ऋषि मंडल पूजा-XI " ६. त्यालय वंदना-महीन्द । हिन्दी । अन्तिम - मूलसंधे मछपति बीरचन्द्र पट्ट शानभूषण मुनींद ।
प्रभाचन्द्र तस पटे हसे, उदयो धन्य ते हैवड वंशे । तेह पट्टे जेणे प्रकट ज करो
श्री वादिचन्द्र जगमोर अवतरयो । तेह पट्टे सुरि श्री महीचन्द्र,
जेह दीठे होय आनन्द । चैत्याला भरग सि नर नार,
तेह घट होसि जयजयकार । संपूर्ण । लिखितं नः मेघसागर सं० १७२४ ग्रासोज सुदी १ ।
१०३२३. गुटका सं०४१ । पत्र सं० १६७ १ मा०६४ ६ इंच भाषा-हिन्दी। ले०कास सं. १८६३ । पूर्ण । वेष्टन सं० ४२२ ।
विशेष-मुख्य पाठ निम्न प्रकार हैं१. पंचाख्यान कथा-x हिन्दी।
विशेष--हितोपदेश की कथा है। महा ग्राम में प्रतिलिपि हई थी। २. चंदनमलयागिरि कथा--भद्रसेन । हिन्दी।
विशेष- मारोठ में प्राचार्य सकलकील ने प्रतिलिपि की थी। ३. चतुर मकुट और नन्द किरण की कथा-४ । हिन्दी।
विशेष--३२७ पद्य है। रचनाकार का नाम नहीं दिया हुआ है।
१०३२४, गटका सं०४२ । पत्र सं० २१० 1 आ. ६x६ इञ्च । भाषा-हिन्दी । से. काल ४ । पूर्ण । वेष्टन मं० ४४३ ।
विशेष पूजा पाट संग्रह है । मुख्य पाठ निम्न हैंभक्तामर भाषा-हेमराज 1
प्प
सोरठ देश मभार माम मंदीवर जाणो । मलसंघ महंत तिजग मांहि बखाणो । सीत रोग सरीर तहां प्राचारिय निपनो। लेह गया समसान काष्ट मो भलो निपनो। संवत् १८ सौ तले वपन गुरु वसना लोपी करि ।
सोम श्री ब्रह्म बाणी वंदे चमरी पीली कर धरी ।। २. यशोधर चरित्र--खुशालचंद ।