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________________ गुटका संग्रह ] १०२३७. गुटका सं० । पत्रसं० २१-१३१ । प्रा० ६४५ इञ्च । भाषा-संस्थात-हिन्दी। लेकाल सं० १७८१ । अपूर्ण । बेन सं० ३८१ । विशेष-मुख्यतः निम्न पाठों का संग्रह है। अनन्तनाथनत राम जिनदास हिन्दी भक्तामर स्तोत्र प्राचार्य मानतुग संस्कृत दान चौपई समय सुन्दर बाचक पार्श्वनाथजी छंद संबोध (ले०काल १७८१) बाहुवलिनी निपद्या (ले०काल १७८१) रवित्रत कथा जयकीलि सोलहकारग कथा ब्रजिनदास पाणीमालन रास ज्ञानभूषण १०२३८, गुटका सं० १० । पत्रसं० ४६-६६ | आ० १४५ इञ्च । भाषा-हिन्दी (पद्य) । ने०काल सं० १७८१ । अपूर्ण । बेष्टन सं० ३८७ । विशेष - निम्न रचनाओं का संरह हैहनुमंत कथा ० रायमल्ल हिन्दी थपूर्ण जम्बू स्वामी चौपई पाँडे जिनदास मगी संवाद अपूर्ण १०२३६. गुटका सं० ११ । पत्रसं० ४२० । प्रा० १०४६ इञ्च । भाषा-हिन्दी । लेकाल सं० १९२० काती सुदी १ । पूर्ण । वेष्टन सं० ३७६ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह हैअनन्तव्रत कथा ० जिनदास हिन्दी पत्रसं० सोलहकारण रासा दशलक्षण व्रत कथा चारुदत्त प्रबंध रास गुरु जयमाला पुष्पांजलि पूजा संस्कृत प्रनन्त श्रत पूजा शांतिदास हिन्दी पुष्पांजलि रास अजिनदास महापुराण चौपई गंगदास अकृत्रिम चैत्यालय लक्ष्मण विनती काष्टासंघ विख्यात सूरी श्री भुपण शोभताए चन्द्रकीति रि राय तस्य शिष्य लक्ष्मण वीनती करू'ए ।। " . : :
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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