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________________ ११४२ 1 अन्य सूची-पंचम भाग पनक्रिया विधि-दौलतराम । भाषा-हिन्दी । पूर्ण । २० काल सं० १७६५ भादवा सुदी १२ । ले० काल सं० १८३३ । प्रशस्ति निम्न प्रकार है संवत् १८३३ वर्षे मासोत्तमासे शुभज्येष्ठ मासे कृष्ण पक्षे पांडित्रा शुक्रवासरे श्री उदयपुर नगरे मध्ये लिखित साह मनोहरदास तोलेशलालजी सूस श्री जिनधरमी दौलतराम जी सीष ग्रय करता जणारी प्राज्ञा थकी रारधा ग्रानी तेरेसंथी देवधरम गुरु सरया शास्त्र प्रमाणे वा में गुरु भक्ति कारक । २. श्रीपाल मुनीश्वर चरित ब्रह्म जिनदास हिन्दी (ले०काल सं० १८३४) १०२३३ गुटका सं० ५। पत्रसं० १८० । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । लेकाल ४ । पूर्ण । वेष्टन सं० ३८५ विशेष-मुख्यत: निम्न रचनाओं का संग्रह हैकवित्त मानकवि हिन्दी ऋषि मंडल जाब संस्कृत देव पूजाष्टक अन्य साधारण पाद हैं। १०२३४. गुटका सं० ६ । पत्रस'० १६६ । प्रा० ११४८ इञ्च । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । ले०काल X पूर्ण । वेष्टन स. ३८४ । विशेष—निम्न प्रकार संग्रह हैपूजा पाठ, पद, विनती एवं तत्वार्थसुत्र प्रादि पाठों का संग्रह है। बीच बीच में कई पत्र खाली हैं। १०२३५. गुटका सं०७ । पत्र सं० १८५ । प्रा. ७४४ इञ्च । भाषा-संस्कृत-हिन्दी । ले०काल x I पूर्ण । देष्टन सं० ३८३ । मुख्य पाठ निम्न प्रकार हैं विशेष—सामायिक पाठ, भक्ति पाठ, आराधनासार, पट्टायलि, द्रव्य संग्रह, परमात्म प्रकाश, द्वादशानुप्रेक्षा एवं पूजा पाठ संग्रह है। १०२३६. गुटका सं०८ । एत्रसं० १४०। प्रा०६४४ इञ्च । भाषा-प्राकृत-हिन्दी-संस्कृत । ले०काल X। अपूर्ण । वेष्टन सं० ३८२ । विशेष-मुख्यतः निम्न पाठों का संग्रह हैगुरणस्थान चर्चा प्राकृत तत्वाअंतत्र सार्थ हिन्दी (मद्य) भाव विभभी नेमिचन्द्राचार्य प्राकृत प्राश्रव त्रिभंगी पंचास्तिकाय हिन्दी हिन्दी गद्य टीका सहित है | |
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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