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________________ गुटका संग्रह ] ११. निरंजनाष्टक १२. पश्वविधान कथा जीवन्धर विशेष जीवनधर यशकीवि के शिष्य थे । १५. जीवनी पालोचना १६. महाव्रतीनि चौमासानुदंड (पद्य गद्य) विशेष-संवत् १६....व पाचार्य श्री विनयकीर्ति सशिष्य व्र० श्री धन्ना खितं । १३. निती व्र ० जिनदास हिन्दी १४. गुणावेलि विशेष - वसुर्मास में मुनियों के दोषपरिहार विधान है । १७. चिन्तामणि पार्श्वनाथ पूजा शुभचन्द्र ७-११ २६ २५. गुरु विरुदावली सा पुरुष भगावलि २७. भक्तामर स्तोत्र सटीक २८. दर्शनप्रतिमा का ब्योरा २९. चंद संग्रह ३०. षट् कर्म छंद ३१. ग्रादिनाथ स्तवन ३९. वलभ रास १ ३-४ गंगादास ८० यशोधर (ऐतिहासिक विवरण है) संवत् १६०९ मे १६६९ तक की संवत्सरी दी गयी है । २१.६० नाम २१ २२. वर्धनाम २१ २३. तीस पीवीसी नाम २१-३४ २४. क्रांतिफल २६ (श्री विनयीति ने पत्रा के पदनार्थ लिखा था) विद्याभूषण २६-२८ २६-३० ४-६ ६ ३१-३६ ३८ ३५-३६ २६ ११-१३ १३-१४ १४-२१ ३६ ४०-४८ विशेष चिन्तामणि पार्श्वनाथ स्तोत्र भी है। प्रशस्ति-संवत् १६११ वर्षे भरि ग्रामे श्री काष्ठाचे श्री मुनिसृत भावार्य श्री विजय कांति शिव्ये व्र० घना केन पनार्थ । १०. नीतिसार १६. राज्जन चित्तवल्लभ २०. सावित्री संस्कृत #7 १७ हैं। पद्य ०काल सं० १६१६) 31 हिन्दी संस्कृत संस्कृत 37 हिन्दी 38 संस्कृत fsમ્મી संस्कृत संस्कृत हिन्दी संस्कृत [ ११३५ हिन्दी हिन्दी संस्कृत हिन्दी
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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