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________________ गुटका संग्रह ] रुक्मिणिहरण द्वादश भावना गौतमस्वामी स्तोत्र नेमिनाथसमवशरण फुटकर पद रत्नभूषण बादिचण्ड इ- मुख्यतः निम्न पार्टी का संग्रह है נו २. जैनक ३. दृष्टांत पच्चीसी ४. मधु विन्दु चौप ५. अष्टोतरी शतक ६. चौरासी बोल ७. सूरत की बारहखड़ी ८. बाईस परीषह कथन E. धर्मपच्चीसी गंगादास वीरचन्द १०२२८. गुटका सं० ३ ले० काल सं० १६७८ । पूर्ण वेष्टन सं० ३० ॥ I १०२२७, गुटका सं० २०११-७२ ० २+४ भाषा-हिन्दी जेल सं० १९०६ । मपूर्ण बेन सं० १७ । विशेषत्रिभुवनबीमती ससाणु वहाँ निनाद बीनती चैत्यालय बंदना अष्टक चौपाई महीचन्द रत्नभूषरण विशेष मुख्यतः निम्न पाठों का संग्रह है-१. नक्काबसीसी भूवरदास भगवतीदास हिन्दी भगवतीदास 17 개 〃 सूरत भगवतीदास भगवतीदास १०. ब्रह्म विलास भगवतीदास बनारसी विलास (बनारसीदास) के अन्य पाठों का संग्रह है । " हिन्दी १० (१०काल सं० १७४०) इस रचना में ६२ पद्य हैं। पत्रसं० ३७-१४६ । म० १०३X६ इश्व | भाषा - हिन्दी-संस्कृत | 37 (२०फाल सं० १६७७) 19 " IF हिन्दी पद्य (२०काल सं० १७२४) 31 " " " [ ११३३ हिन्दी एवं
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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