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________________ १०७६ ] [ ग्रन्थ सूची-पंचम भाग सोरठा करषा तोसौं कौन करिबो कर काम भवथर हर । करत बीमती बलभद्र राजा । करत टंकार हुकार बर बक्यो तीन लोक भय चक्रलं जाग्या । बाई कर अगुली कृष्ण हिण्डोलियो नेमनरनाथ राजाधिराजा ॥२॥ तौसी स्वामी नम पुखवर भरवो मान दुर्जन गरयो कंप नारि बास गया। हिरन रोझ सार'ग हरित्रास झड़कत फिर एबंध गजराज बह दुक्ख पाया ॥३॥ संतती दंतती अजरतो अमरतो सुद्धतो बुद्धतो ज्ञानबंता ।। माई सिवादेवी के उदर उपनियो चित्त चिन्तामनी रतनबंता ॥४|| तोसो स्वामी जिन नाग सिज्यादली नेम जिम लि बली बाई कर अगुली धनुष साजा । ब्रह्म ब्रह्मापुरी इन्द्र आसन टरी कपियो सेष जब संस बाजा ||५|| तोसी छपन कोटि जादौ तुम मुकुट मनि तीन लोक तेरी करत सेवा खान महमुद करत है बीनती रासिले शरण देवाधिदेवा ॥६॥ तोसी कौन करबो कर काम भय थर हर करत बीनती बलभद्र राजा ॥७॥ इनके अतिरिक्त जगतराम, भूधरदास, द्याननराय, सुखानन्द प्रादि के पदों का संग्रह है। भूधरदास का जन शतक भी है। १९३६. गुटका सं०२ । पत्र सं० २७४ । प्रा० ६४५३ इन्च । भाषा-हिन्दी। ले. काल सं० १८५० भादवा बुदी ६ । अपूरणं । वेष्टन सं० १५० । विशेष-मुन्य पाठ निम्न प्रकार हैंशाङ्गधर टीका हिन्दी ले. काल सं० १८५० भादवा सुदी ६ । अपूर्ण । विशेष प्रति हिन्दी टीका सहित है। बैर में प्रतिलिपि हुई थी। मब्जद प्रश्नावली हिन्दी
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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