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________________ गुटका संग्रह ] [ १०७५ पंचमंगल रूपचन्द हिन्दी नेमिनाथ के नवमंगल विनोदीलाल २० काल सं० १७०४ सामायिक पाठ संस्कृत व्रत कथाए' खुशालचन्द हिन्दी जिन सहस्रनाम संस्कृत ६६३३. गुटका सं०३५। पत्रसं० २८० । आ० १२४७ इञ्च । भाषा-हिन्दी । ले० काल सं. १७६५ चैत बुदी ८ । पूर्ण । वेष्टन सं०६४ । विशेष-निम्न पाठों का संग्रह हैपाण्डव पुराण बुलाकीदास र०काल सं० १७८४ सीता चरित्र कविबालक (रामचन्द्र) ६६३४. गुटका सं० ३६ । पत्र सं०६८ । प्रा० ८४६३ इन्च | भाषा-हिन्दी । से०काल । पूर्ण । देष्टन सं० १६ । विशेष—निम्न पाठों का संग्रह है। सूरत की वारदसड़ी हिन्दी पत्र १-१३ मादित्यवार कथा माऊ भूधरदास, अगतराम १६-१७ चौबीस महाराज पूजा बुन्दावन प्राप्ति स्थान-दि० जैन छोटा मन्दिर, वयाना । ६६३५. गुटका सं० १ । पत्रसं० १९६ । प्रा० ५६४४३ इन्च । भाषा-हिन्दी । ले० काल X । पूर्ण । देष्टन सं० १५१ । विशेष—मुख्य पाय निम्न प्रकार हैंबारहखड़ी नवमंगल रविव्रत कथा भाऊ वाईस परीषह वर्णन लावणी जिनदास पद लाभ नहि लीया जिनन्द भजिक अव अजब रसीलो नेम रूडागुरुजी लावणी र०काल १८७४ पद खान मुहम्मद
SR No.090396
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1446
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size30 MB
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