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[ ग्रन्थ सूची-पंचम भाग
६१. गुटका ७ १ । लाइ ६६ । गापा-हिन्यो । लेकाल । अपूर्ण । थेष्टन सं. २६४ ।
विशेष-नित्य नैमित्तिक पूजा पाठों का संग्रह है। मोक्ष णास्त्र के प्रारम्भ में भगवान का एक सुन्दर चित्र है । चित्र में एक ओर गोडी डाने हाथ जोडे मुनि तथा दूसरी ओर इन्द्र है।
१८१२. गुटका सं० ११। पत्रसं० १७८ 1 भाषा-संस्कृत । ले०काल X । पूर्ण । बेष्टन सं. २१५ ।
विशेष-भरतपुर में लिखा गया था। पद्यावती स्तोत्र, चतुःषष्टि योगित्री स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्र, परमानन्द स्तोत्र, मोकार महिमा, यमक वंच स्तोत्र, कष्ट नाशक स्तोत्र, प्रादित्यहृदय स्तोत्र आदि पाठी का संग्रह है।
६८१३. गुटका सं० १२ । पत्रसं० ४२३ । भाषा-हिन्दी । ले०काल सं० १८०० । पूर्ण । बेष्टन सं० १७८ ।
विशेष--- (१) पय पुराण-खशाल चन्द । पत्रसं. १३६ । र०काल १७८३ । पूर्ण । (२) हरिबंश पुराण-खुशालचन्द । पत्रसं० १०१ । (३) उत्तरपुराण-खुशालचन्द । पत्र सं० १८३ । २० काल सं० १७६६ | ६८१५. गुटका सं० १३ । पत्र सं० ३४६ । भाषा-हिन्दी । ले० काल < । पूर्ण । वेष्टन सं०
विशेष-गुटके में निम्न पाठ हैं । १. ब्रह्माविलास
भगवतीदास ।
२. पद ४ ३. बनारसी विलास
बनारसीदास।
पत्र सं० १३३ ले-काल सं० १७१३ मंत्र सुक्ला १० ।
पत्र सं० १३४ से १३६
पत्र सं० १४१-२०६ तक । से काल सं० १८१८ कार्तिक सुदी ६ ।
पत्र सं०१ से १२७ तक
पत्र सं०१ से १७ तक मुख्य रूप से हर्षचन्द के पद हैं।
बनारसीदास।
४. समयसार नाटक ५. पद संग्रह
पर सुन्दर है
निजनन्दन ठलरावे, वामादेवी निजनन्दन हुल रावे। चिरंजीवो त्रिभुवम के नायक कहि कहि कंठ लगावै ।।१।। नील कमल दल अंगमनोहर मुखयुतिनन्द डरावं उन्नतभाल विसाल विलोचन देखत ही वनि यावै ॥२॥ मस्तक मुकुट कान युग कुण्डल जिलक ललाट बनाये। उज्जल उर मुकताफल माला, उडगन मोहि तिहराव ।।३।।