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प्रस्थानुक्रमणिका ]
[ ८१३ प्रन्चनाम
लेखक भाषा पृष्ठ सं0, अन्यनाम लेखक भाषा पृष्ठ सं० क्षपणासारवृत्ति माधवचन्द्र विधदेव (७) खण्डेलवालोतत्तिवर्णन - (हि.) ३७० क्षपरणासारभाषा पं. टोडरमल (हि.) ७ खण्डेलवालों की उत्पत्ति धमादतीसी समयसुन्दर (हि) ६१७ खण्डेलवालीकी उत्पत्ति और उनके ४ गोत्र -- (हि.) ७२१ क्षमावत्तीती जिनचन्द्रसूरि (हि.) ५४ खण्डला की चरचा
(हि.) ७०२ মাহবুল ब्रह्मसेन (२०) ५१.
खण्डला की मावलि
(१०) ७५४ धीर नीर
(हि०) ७६२ ख्याल गायीचन्दका
- (हरू) २२२ मोरनतनिधिपूजा हीरोदानीपूजा अभयचन्द (सं०) ७६३ | गजपंथामण्डलपूजा भ० क्षेमेन्द्रकीति (०) ४६८ क्षेत्रपाल की आरती
(हि.) ६०७ जनमोक्षवया क्षेत्रपालगीत शुमचन्द
गजसिंहकुमारचरित्र विनयचन्द्रसूर (सं०) १६३ क्षेत्रपाल जयमाल
महाराशांति कधिधि
(०) ६१२ क्षेत्रपाल नामावली
(सं०) ३८६ गरणधरवरणारविंदपूजा
(सं० ४६९ क्षेत्रपालपूजा मणिभद्र (सं.) ६८६ गराधरजयमाल
(प्रा०) ४६६ क्षेत्रपालपूजा विश्वसेन (सं०) ४६७ गरणधरवलयपूजा शुभचन्द (सं०) ६६० क्षेत्रपालपूजा - (०) ४६८ | गाधरयलयपूजा
अाशाधर (म०) ७६१ ५१५, ५१७, ५६७, ६४०, ६५५, ७६३ गरमधरवलयपूजा
(सं०) ४६६ क्षेत्रपालपूजा सुमतिकीति (हि.) ७१३
५१४, १३६, ६४५, ७६१ गरणधर बलय [ मडलचित्र ] --
५२५ क्षेत्रपाल भैरवी गीत शोभाचन्द (हि.) ७७७
गाधरबलयमन्त्र क्षेत्रपालस्तोत्र
(सं.) ६०७ - (सं.) ३४७
गणधरवलययम्यमंइन [कोठे] - (हि०) ६३८ ५६१, ५७५, ६४४, ६४६, ६४७
गणपाठ वादिराज जगन्नाथ क्षेत्रपालाष्टक (सं०) ६५५
(मं०)
गरासार क्षेत्रपालव्यवहार (सं.) २८०
(म०) ५४
गणितनाममाला क्षेत्रसमास टीका हरिभद्रसूरि
(सं०) ३६८
गरिणतमास्त्र क्षेत्रसमासप्रकरण - (प्रा.) ५४
(सं०) ३६ गणतसार
हेमराज
(हि.) ३६८ गणेशछन्द
(हि.) ७५३ खण्डप्रशस्तिकाव्य
| गणेशद्वादशनाम
(सं०) ६४६ खण्डेलवालगोत्र (हि.) ७५६ / गर्गमनोरमा
(२०) २८० खम्बेलवालों के८४ गोत्र (हि०) ७६० गर्गसंहिता
गर्गऋषि (सं.) २८.