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[ गुटका - संपद
६०६८ गुटका सं० ३३ । पत्र ०३२४ | मा० ५X४ ३० । भाषा - हिन्दी ले० काल सं० १७५६
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वैशाख सुदी ३ । अपू
। चै० सं० १५४५ ।
विषशेष सामान्य पाठों का संग्रह है।
६०७६. गुटका सं० ३५ | पत्र सं० १३८ । ग्रा० εX६ इ० । भाषा - हिन्दी । ले० काल x | पूर्ण ।
वे० सं० १५४६ ।
विशेष - मुख्यतः नाटक समयसार की प्रति है ।
६०५०. गुटका सं० ३६ । पत्र सं० २४१ श्रा० ५x५ इ० | भाषा - हिन्दी | विषय-पद संग्रह | ले० काल X1 पूर्ण 1 ० सं० १५४७ १
६०८१. गुटका सं० ३७ पत्र सं० १७० । ० ६४४ इ० । भाषा - हिन्दी संस्कृत । ले० काल X
पूर्ण वे० सं० १५४
विशेष- नित्यपूजा पाठ संग्रह है ।
६०५२. गुटका सं० ३८ पत्र सं० १४ | श्रा० ५X४ इ० भाषा - हिन्दी संस्कृत । ले० काल १८४२ पूर्ण । ० सं० १५४८
विशेष - मुख्यतः निम्न पाठों का संग्रह है ।
१. पदसंग्रह
२. स्तुति
३. पार्श्वनाथ की गुणमाला
४. पद- ( दर्शन दीज्योजी नेमकुमार
५. आरती
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मनराम एवं भूधरदास
हरीसिंह
लोहट
मेलीराम
शुभचन्द
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विशेष प्रतिम-भारती करता आरति भाजे, शुभचन्द ज्ञान मगन में साजै ॥
मेला
६. पद - ( मैं तो भारी श्राम महिमा जानी )
७. शारदाष्टक
5. पद- मोह नींद में कि रहे हो लाल
2. ठि लेरो मुख देख्न नाभि के नंदा
१०. तुविशतिस्तुति ११. विनती
हिन्दी
विनोदीलाल
भजेराज
33
37
बनारसीदास
विशेष – जयपुर में कानीदास के मकान में लालाराम ने प्रतिलिपि की थी।
हरीसिंह
हिन्दी
टोडर
29
77
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12
39
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ले० काल १०१०