SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 748
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६८४ ] २. श्यामवतीसी नन्ददास बीकानेर निवासी महात्मा फकीरा ने प्रतिलिपि की । मालीराम कालाने ० १८३२ में प्रतिलिपि कराई थी । अन्तिम भाग - दोहा - कृष्ण ध्यान चरासु मठ अवनहि सुत प्रवान 1 छन्द मत्तगयन्द - सं० १६८६ | 13 कहत स्याम कलमल कछू रहत न रंच समान ।। ३६ ।। स्यो सनकादिक नारदस्मेद ब्रह्म सेस महेस तु पार न पायो । सां सुख व्यासविरंचि बखानत निगम कु ́ सोचि श्रगम बतायो । संभा नहि भाग जसोमति नम्बलला युग आनि कहायो । सो कवि या कवि काव्य करो कल्यान जु स्यांम भलै पुनगायी ॥ ३७॥ इति श्री नन्ददास कृत स्याम बत्तीसी संपूर्ण । लिखतं महात्मा फकोरा वासी बीकानेर का । लिखावतु मालीराम काला संवत् १८३२ मिती भादवा सुदी १४ । ५५८६. गुटका सं० २०७ । पत्र सं० २०० पा० ७४५ इंच | भाषा - हिन्दी संस्कृत । ले० काल विशेष - सामान्य पूजा पाठ, पद एवं भजनों का संग्रह है। ५५६०, गुटका सं० २०६ । पत्र सं० १७ | मा० ६२ ६३ इंच भाषा - हिन्दी | विशेष – चाणक्य नीतिसार तथा नाथूराम कृत जातकसार है । ५५६१. गुटका सं० २०६ | पत्र सं० १६-२४ । प्रा० ६xx इंच | भाषा - हिन्दी | विशेष- सूरदास, परमानन्द प्रादि कवियों के पदों का संग्रह है। विषय कृष्ण भक्ति है । [ गुटका संग्रह ५५६२. गुटका सं० २१० । पत्र सं० २८ । ० ६३५३ इंच | भाषा - हिन्दी । विशेष- चतुर्दशगुणम्यान चर्चा है । ५५६३. गुटका सं० २११ । पत्र सं० ४६-८७ | प्रा० ६४६ इंच | भाषा - हिन्दी । ले० काल १५१० । विशेष- ब्रह्मरायमा कृत श्रीपालरास का संग्रह है । ५५६४. गुटका सं० २१२ । पत्र सं० ६ १३० । ० ६४६ इंच । विशेष – स्तोत्र, पूजा एवं पद संग्रह है।
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy