SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 746
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ गुटका-संग्रह ५४७८. गुटका सं० १६३ । पत्र में० २२ पाn Ex६ इंच । भाषा- हिन्दी। विशेष - नाटकसमयसार है। yvt. गुटका सं०१६७पत्र सं० ३० 1 मा०८४६इच भाषा-हिन्दी। ले० कान १८६४श्रावगा बुदो १४ । बुध जन के पदों का मागह है। ५५८२. गुटका सं०१६८। पत्र सं० ३९ । प्रा.८.४५, इ व 1 अपूर्ण । पूजा पाठ संग्रह है। ५५-१. गुट का सं० १६६ | पत्र सं० २-५६। प्रा० ८४५ च । भाषा-संस्कृत हिन्दी अपूर्ण । दशा-जीर्ण । विशेष-गूजा पाठ संग्रह है। ५५८२. गुटका सं० २८० । पत्र सं० ३४ । प्रा० ६.४८ इंच । पूर्ण । दशा-सामान्य . १. जिनदत्त चौपई प्रागन हिन्दी रचना संवत् १३५४ भादवा सुदी ५ । ले. काल संवत् १७५२ । पालव निवासी महानन्द ने प्रतिलिपि की घो। २. प्रादोश्वर रेखता सहलकोति प्राचीन हिन्दी अपूर्ण र० बाल सं. १६६७ । रचना भ्यान-सालकोट । ले. काल-सं० १७५३ मंगसिर हुदी ७ । महानंद ने प्रतिलिपि की थी। १२ पद्य से ४५ वे तक ६१तक के पद है। ३. पंचवधाको राजस्थानी दोरगढ की ४. वित्त वृदावनदास हिन्दी .. 'पद-रैमन रमन जिनांवन कटुन विवार लहमीसागर राममल्हार ६. ही तू ही मेरे साहिब रागकाफी ७. तूती तूही २ तूती बोल ८. कवित्त ब्रह्म गुलाल एवं वृदावन पष १६ ले बाल स. १७५० फागण बुदो १४ । फकीरचन्द जैसल ने प्रतिलिपि की थी। लास का वासी गांत तेला। पूर्ण ६. जेष्ठ पूरिणमा कथः १०. क वत्त ब्रह्म गुलाल
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy