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[ गुटका-संग्रह ५५६५, गुटका सं १८३ । पत्र सं० २० । प्रा० १०४६ इंच | भाषा-संस्कृत हिन्दी । यपूर्ण। दशा-जीर्ण शीर्ण।
विशेष-प्रथम ५ पत्रों पर पृच्छायें हैं । तथा पत्र १०-२० तक शकुनशास्त्र है। हिन्दी गद्य में है। ५५६६. गुटका सं० १८४१ पत्र सं० २४ मा. ६:४६ इंच । भाषा-हिन्दी । अपूर्ण । विशेष-घृन्द विनोद सतसई के प्रथम पद्य से २५० पद्य तक है।
५५६७. गुटका सं० १८५ । पत्र सं० ७-८८ । मा० १०४५३ इस । भाषा-हिन्दी । ले. काल . १८२३ वैशाख सुदी ८ ।
विशेष--बीकानेर में प्रतिलिपि की गई थी।
१. समयसारनाटक
बनारसीदास
हिन्दी २. अनाथोसाघ पौवालिया विमल विनयगणि
, ७३ पद्य है ७६-७८ ३. मध्ययन गीत
हिन्दी
७-८३ दस अध्याय में अलग अलग गीत हैं। अन्त में चूलिका मीत है। ४. स्फुट पद
____x हिन्दी
८४-८ ५५६८. गुटका सं० १८६ । पत्र सं• ५२ । प्रा. Ex५ इंच भाषा-हिन्दी । विषय पद संग्रह । विपोष-१४२ पदों का संग्रह है मुख्यतः द्यातनराय के पद हैं। ५५६६, गुटका सं० १८७ । पत्र सं० ७७ । पूर्ण । विशेष-गुटके के मुख्य पाठ निम्न प्रकार हैं।
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१. चौरासी गोत २. कछवाहा वंश के राजाओं के नाम
२-४ ३. देहली राजाओं की वंशावली ४. देहली के बावशाहों के परगनों के नाम
१७-१८ ५. सीख सत्तरी
१६-२० ६. ३६ कारखानों के नाम ७. चौबीस ठाणा चर्चा
२२-४५ ५५७०. गुटका सं० १८८ । पत्र सं० ११-७३ । प्रा० ६x४३ च । भाषा-हिन्दी संस्कृत । विशेष-गुटके में भक्तामरस्तोत्र कलामन्दिरस्तोत्र है।
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