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________________ ६७० ] [ गुटका-संग्रह ३. विषापहार स्तोत्रभाषा अचलकीति हिन्दी ८५-45 ४. देससूत्र अष्टक रूस्कृत दयाराम ने सूरत में प्रतिलिपि की थी। सं. १७९४ 1 पूजा है। ५. विषष्ठिशलाकाछन्द श्रीपाल ११-१३ ६. पद-थेई थेई थेई नृत्यति अमरी कुमुदचन्द्र हिन्दी ७. गद---प्रात समै सुमसे जिनदेव श्रीपाल ८, पाश्चेविनती ब्रह्मनाथू १८-१६ है. वित्त ब्रह्मगुलाल १२५ गिरनार की यात्रा के समय सूरत में लिपि किया गया । ५५०२. गुटका सं० १२१ । पत्र सं० ३३ । प्रा० ६३४४६ इञ्च । भाषा-हिन्दी । विशेष-विभिन्न कवियों के पदों का संग्रह है। ५५८३. गुटका सं. १२२ । पत्र सं० १३० । प्रा० ५६x४ । भाषा-हिन्दी संस्कृत । विशेष-तीन चोवीसी नाम, दर्शनस्तोत्र ( संस्कृत ) कल्याणमंदिरस्तोत्र भाषा ( बनारसीदास ) भक्तामर स्तोत्र ( मानतुगाचार्य ) लक्ष्मीस्तोत्र ( संस्कृत ) निर्वाणकाण्ड, पंचमगल, देवपूजा, सिद्धपूजा, सोलहकारण पूजा, पच्चीसो ( नवल ), पार्श्वनामस्तोत्र, सूरत की बारहखडी, बाईस परीपह, जैनशतक (भूधरदास ) सामायिक टीका (हिन्दी ) आदि पाठों का संग्रह है | ४५०४. गुटका सं०१२३ । पत्र सं० २६ । मा० ६x६ इश्व भाषा-संस्कृत हिन्दी । दशा-जीर्णवर्ण । १. भक्तामरस्तोत्र ऋद्धि मंत्र सहित x संस्कृत २. पल्यविधि १८-२२ ३ जैनपच्चीसी नवलराम हिन्दी २२-२६ ५५०५. गुटका सं० १२४ । पत्र सं० ६६ । मा० ७X१ इन्छ । विशेष--पूजामों एव स्तोत्रों का संग्रह है। ५५०६. गुटका सं० १२५ । पत्र सं० ५६ । प्रा० १२४४ इञ्च । पूर्ण । सामान्म शुद्ध | दशा-सामान्य । १. कर्म प्रकृति यर्या हिन्दी २. चौवीसठाणा चर्चा । xx
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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