SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 712
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६४८ ] [ गुटका-संग्रह १. संबोध पंचासिकाभाषा द्यानतराय हिन्दी २. भक्तामरभाषा हेमराज ३. कल्याण मंदिरस्तोत्रभाषा बनारसीदास १५-२२ ५४७२. गटका सं०१२ पत्र सं० १३०-२०३। आ. Exइत्र । भाषा-संस्कृत हिन्दी 1 ले. काल १६३३ । अपूर्ण । दशा सामान्य | १. भविष्यदत्तरास रायमल्ल हिन्दी संस्कृत १८५ ८७ २. जिमपञ्जरस्तात्र ३, पार्श्वनाथस्तोत्र १०८ हिन्दी १८६-६३ ४, स्तवन (मरिहन्त संत का) ५. चेतनचरित्र १९३-२०३ ५४७३. गटका सं०१३। पत्र सं० २५-१०८ । प्रा. ५४३ च । अर्गा । विशेष--प्रारम्भ के २४ पत्र नहीं हैं। १. पार्षनाथपूजा २. भक्तामरस्तोत्र संस्कृत मानतुगाचार्य पद्मप्रभदेव ३. लक्ष्मीस्तोत्र ४. सासू बहू का झगड़ा महादेव ५. पिया चले गिरवर कू ६. नाभि नरेन्द्र के नंदन कू जब बंदन X संस्कृत ७२-१४ हिन्दी मपूर्ण ७. सीताजी की विनती ८. तत्वार्थसूत्र उमास्वामि ह. पद- अरज करो वा जिनराजजी राग सारंग x १०. , को परि करोजी गुमान थे के दिनका महमान, बुधजन ११. लगन मोरी लगी ऐसी १२. , शुभ गति पावन याही चित धारोजी नवल १३. , जाऊंगी संगि नेम कंवार १४. टुक नजर महर की करना भूधरदास
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy