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८३. चरणकमल को ध्यान मेरे
५४. जिनजी थांकीजी मूरत मनडो मोहियो
८५. नारी मुकति पंथ बट रारी नारी
८६. समझ नर जीवन थोरो
८७. नेमजी पे कोई हमारी महाराज
देखनेमि कुमार
१. प्रभु तेरी सूरत रूप बनी
६०. चिंतामणी स्वामी सांबा साहब मेरा
९१. सुखवड़ी कब आवेगो
१२. बेसन तू ति काल मा
३. पंच मंगल
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१०६. मोहि लगता श्री जिन प्यारा
१०७. सुमरन ही में त्या प्रभुजी तुम सुमरन ही में स्मारे
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रूपचन्द
हर्षकीर्ति
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रूपचन्द
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हर्ष
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रूपचन्द
ब्रह्म कपूरचन्द
१४. प्रभुजी बांका दरसण सू सुख पायां १५. लघु मंगल
६६. सम्मेद शिखर चली ₹ जोवड़ा
X
२७. हम प्राये हैं जिनराज तुम्हारे बन्दन को
द्यानतराय
१५ ज्ञानपी
बनारसीदारा
६९. तू भ्रम भूति न रे प्राणी ज्ञानी
X
२०० जिये दयाल प्रभु इजिये दयाल
X
१०१. मेरा मन की बात कासु कहिये
सबलसिंह
१०२. मूरत तेरी सुन्दर पोहो
X
१०३. प्यारे हो लाल प्रभु का दरस की बलिहारी X
१०४. प्रभुजी त्यारियां प्रभु आप जातिले त्यारियां x १०५. क्यों जारी ज्योस्यारोजी दयानिधि
खुशाल चन्च
हठमलदास
क
द्यानतराय
हिन्दी
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[ गुडका-संप्रद