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________________ पद भजन गीत यादि ४२१३, अनाथानोचोदाल्या-खेम 1 पत्र सं २ मा १०x४ । भाषा-हिन्दी । विषय-भीत। to काल X । ले. काल XI पूर्ण । ० सं० २१२१ । भण्डार । विशेष-राजा श्रेरिसक में भगवान महावीर स्वामी से मपी मापको प्रमाण कहा था उसी पर नार सालों में प्रार्थना की गयी है। ४२१४. अनाथीमुनि सम्झाय"I पत्र सं० ५। प्रा० १.४४६ भाषा-हिन्दी । विषम-- गोल । २० काल X । ले० काल पूर्स । वै० सं० २१७३ । म भण्डार । ४२११. बहनकचौहानियागीत-विमल विनय (बिनयरंग).....। पत्र सं० ३। श्रा6 !xe: इस । भाषा-हिन्दी । विषय-मीत । १० काल xi से काल १९८५ पासोज सुधी १४ । पूर्स । वै० सं० १४१ | अ भण्डार। विशेष प्राधि प्राप्त भाग निम्म है-- भोपई वर्द्धमान चवीसमंड जिनववी जगदीस । परहनक मुनिवर परीम मरिण सुपरीय अनीस ॥१॥ बुजगीसबरी भभमाहे, कहिसि संबंध उछाहे। परहनकि जिमवल सीपउ, जिम ते तारी त्रसि कीयउ॥m निज मात उपरेसन, वलिवल भादरीय विसेसर। पाहता ते देव विमानि, सुरिणज्यो भवियण तिम कानि ॥३॥ नगरा नगरी जारसीमइ, अलकापुरि प्रसार । पसइ तिहाँ विवहारीमा सुबत माम सुविचार 10 चौपई- सुविचार सुभाा बरणी....................। सुनंदन रूप निधाम, मरहमकमान प्रवाम 11211 यार सरण चित कोतवाली परिहरि ख्यारि कषाय । दोष तजरबत उबर जी, सल्य रहित निरमाय॥५॥ अन्तिम
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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