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________________ इतिहास [ ३० ३७३५. दादूपद्यावली ....."पथ सं० ११ प्रा. १०४३ च । भाषा-हिन्दी। विषय-इतिहास । २० काल X । ले. काल X । पूर्गा | वै० सं० १३६४ । भण्डार । दादूजी दयाल पट मरोब मसकीन ठाट । जुगलबाई निराट निरागविराज ही। बखनौस कर पाक जसो चाबी प्राम टाक । बढा हु गोपाल ताक गुरुद्वारे राजही ।। सांगानेर रजपम देवल दयाल दास । घडसी कडाला बसै घरम कीया जही। ईड वैडू जनशास तेजानन्द जोधपुर । मोहन म भजनीक ग्रासोनि बाज ही ।। गूलर में माधोदास विदाध में हरिसिंह । चतरदास सिध्यावट कीयो तनकाज ही ।। बिहारणी पिरागदास डीडवाने है प्रसिद्ध । __ सुन्दरशरा जू सरमू फतेहपुर छाजही ।। बाबो बनवारी हरदास दोऊ रतीय मैं । साधु एक मांझोड़ी मैं नीकै नित्य छाजही ।। सुंदर प्रहलाद दास पाटडेसु छोड़ मांहि । पूरब चतरभुज रामपुर छाजही ॥१॥ निरागणदास माहाल्यौ सद्धांग माहि । इकलौद रगतभंबर डाढ वरणदास जानियौ ।। हाडौती गेगाइजामैं माखूजी मगन भये। जगोजी भड़ौच मध्य प्रनाधारी मानियौं। लालदास नायक सा पोरान पटगदास । फोफली मेवाड माहि टीलोजी प्रमानियो । साधु परमानंद इबोखली में रहे जाय । . जेमल चुहाग भलो खालढ हरगानियौ ।। जैमल जीनो कुछाही वनमाली चोकन्योस । सांभर भजन सो दितान तानियो ।
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
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