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लोक विज्ञान 1
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इनके प्रतिरिक्ता भण्डार में २ प्रतियाँ ( वे० सं० २६२, २३३, ) च भण्डार में २ प्रतियां ( ० मं० १४७, १४८ ) तथा ज भण्डार में एक प्रति ( वें० [सं० ४ ) और है 1
३३६६. त्रिलोकसार दर्पणकथा - खङ्गसेन | पत्र सं० ३२ से २२० प्रा० ११४४३ इंच | भाषा१७१३ चैत सुदी ५ । ले० काल सं० १७५३ ज्येष्ठ सुत्री ११ ।
हिन्दी पश्च । विषय-लोक विज्ञान। ८० काल सं० अपूर्ण वे० सं० ३६० । श्र भण्डार |
भण्डार ।
विशेष लेखक प्रशस्ति विस्तृत है । प्रारम्भ के ३१ पत्र नहीं है ।
३३७० प्रति सं० २ पत्र सं० १३६ । ले० काल सं० १७३६ द्वि० क्षेत्र बुदी ४ | ० सं० १८२ झ
विशेष - साह लोहट ने आत्म पठनार्थ प्रतिलिपि करवायी थी ।
३३०१. त्रिलोकसारभाषा - पं० टोडरमल । पत्र [सं० २८६ | श्र० १४७ | भाषा - हिन्दी गद्य । विषय-लोक विज्ञान | र० काल सं० १८४१ | ले० काल x 1 पूर्ण | वे० सं० ३३६ | अ भण्डार |
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३३७२ प्रति सं० २ । पत्र सं० ४४ । ले० काल X | प्रपूर्ण वे० सं० ३७३ | अ भण्डार | ३३७३ प्रति सं० ३ | पत्र सं० २१५ | ले० काल सं० १८०४ ० ० ४३ | ग भण्डार | विशेष — जैतराम साह के पुत्र कालूराम साह ने सोनपाल भौसा से प्रतिलिपि कराकर चोरियों के मन्दिर
में चढाया ।
३३५४. प्रति सं० ४ | पत्र सं० १२५ | ले० काल X | ० सं० ३६ । व भण्डार |
३३७५ प्रति सं० ५ । पत्र सं० ३९४ | ले० काल स० १६६६ । ० सं० २०४ | क्र भण्डार ।
विशेष सेठ जवाहरलाल सुगनचन्द सोनी धजमेर वालों ने प्रतिलिपि करवायी थी।
१३७६. त्रिलोकसारभाषा | पत्र सं० ४५२ । ० १२३ इंच | भाषा - हिन्दी | विषय१९४७ | पूर्ण । ० ० २६२ । क भण्डार
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। पत्र सं० १०८ | श्र० ११३७ इ | भाषा - हिन्दी | विषय
लोक विज्ञान | २० काल X। ले० काल सं०
३३७७. त्रिलोकसारभाषा
लोक विज्ञान । २० काल X | ले० काल X १ श्रपूर्ण । वें सं० २६१ । क भण्डार |
विशेष -- भवनलोक वर्णन तक पूर्ण है।
३३७. त्रिलोकसारभाषा... " पत्र सं० १५० | श्र० १२४६ इव | भाषा - हिन्दी विषय-लोक
विज्ञान | १० काल X | ले० काल X। भ्रपूर्ण वे० सं० ५८३ । च भण्डार ।
३३७६. त्रिलोकसारभाषा ( वच्चनिका ) | पत्र सं० ३१० | मा० १०३७३ इव । भरक्षाहिन्दी गद्य | विषय - लोक विज्ञान | र० काल X | से० काल सं० १८६५ ० सं०८५ | भण्डार |