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[ लोक विज्ञान विशेष – त्रिलोकसार के आधार पर बनाया गया है । तीनलोक की जानकारी के लिए बड़ा उपयोगी है । ३३६०. त्रिलोकचित्र। प्रा० २०४३० इंच | भाषा - हिन्दी | विषय-लोकविज्ञान | २० बाल X 1 ले० काल सं० १५७५ पूर्ण । ० सं० ५३६ | भण्डार ।
विशेष – कपड़े पर तीमलोक का चित्र है ।
भण्डार
३३६१. त्रिलोकदीपक - यामदेव | पत्र सं० ७२ | श्रा० १६७२ । भाषा-संस्कृत विषयलोकविज्ञान । र० काल X | ले० काल सं० १८५२ आषाढ सुदी ५ | पूर्ण वे० सं० ५ । ज भण्डार । विशेष---ग्रन्थ स्त्रचित्र है | जम्बूद्वीप तथा विदेह क्षेत्र का चित्र सुन्दर है तथा उस पर बैल बूटे भी हैं। ३३६२. त्रिलोकसार - नेमिचंद्राचार्य । पत्र सं० १ ० १३५ इंच | भाषा प्राकृत | विषय - लोकविज्ञान २० काल X | ० का ० १६ मंगनिर बदी ११ । पूर्ण वे० सं० ४९ । विशेष-- पहिले पत्र पर ६ चित्र हैं । पहिले नेमिनाथ की मूर्ति का चित्र है जिसके बाईं ओर बलभव तथा दाई ओर श्रीकृष्ण हाथ जोड़े खड़े हैं। तीसरा चित्र माचार्य का है वे लकड़ी के सिंहासन पर बैठे हैं सामने लकड़ी के स्टैंड पर ग्रन्थ है आगे पिच्छी और कमण्डलु हैं। उनके आगे दो चित्र और हैं जिसमें एक चामुण्डराय का तथा दूसरा और किसी श्रोता का चित्र है। दोनों हाथ जोड़े गोडी गाले बैठे हैं। चित्र बहुत सुन्दर हैं। इसके अतिरिक्त और भी लोक-विज्ञान सम्बन्धी चित्र हैं।
३६३. प्रति सं० २ | पत्र सं० ४५० काल सं० १८६६ ४० बैशाख सुदी ११ । वे० सं० २०८ ॥
क भण्डार ।
भण्डार ।
भण्डार ।
३३६४. प्रति सं० ३ । पत्र सं० २० काल सं० १८२६ श्रावण बुदी ५। ३० सं० २०३ । क
३३६५. प्रति सं० ४ । पत्र सं० ७२ | ले० काल X | के० सं० २८६ १ क भण्डार ।
विशेष – प्रति सचित्र है ।
३३६६. प्रति सं० ५ | पत्र सं० ६८ | ले० काल X | वे० सं० २६० | क भण्डार |
विशेष—प्रति सचित्र है। कई पृष्ठों पर हाशिया में सुन्दर चित्राम है ।
३३६७, प्रति सं० ६ । पत्र सं० ६६ । ले० काल सं० १७३३ माह सुदी ५ ० सं० २०३१
विशेष – महाराजा रामसिंह के शासनकाल में बसवा में रामचन्द काला ने प्रतिलिपि करवायी थी । ३३६८. प्रति सं० ७ । पत्र सं० ६६ । ले० काल सं० १५५३ | ० सं० १६४४ | ट भण्डार विशेष - कालज्ञान एवं ऋषिमंडल पूजा भी है।
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