SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 34
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ सेठ चारुदत्त के जीवन पर प्रकाश डाला गया है। रचना चौपई एवं दूहा इन्द में है लेकिन राग भिम्त • भिन्न है। इसका दूसरा नाम चारुदत्तरास भी है। कल्याणकीर्ति १७ वीं शताब्दी के विद्वान थे। अब तक इनकी पार्श्वनाथ' रासोः (सं० १६६७ ) बावनी, जीरावलि पार्श्वनाथ स्तवनः (सं०) नवग्रह स्तवन (सं०) तीर्थकर विनती' (सं० १७२३) आदीश्वर' बधाचा आदि रचनायें मिल चुकी है। ६ चौरासी जातिजयमाल जिनदास १५ वीं शताब्दी के प्रसिद्ध विद्वान् थे। ये संस्कृत एवं हिन्दी दोनों के ही प्रगाढ विद्वान थे तथा इन दोनों ही भाषाओं में इनकी ६० से भी अधिक रचनायें उपलब्ध होती है। जयपुर के इन भंडारों में भी इनकी अभी कितनी ही रचनायें मिली हैं जिनमें से चौरासी जातिजयमाल का वर्णन यहां दिया जा रहा है। चौरासी जातिजयमाल में माला की बोली के उत्सव में सम्मिलित होने वाली ८४ जैन जातियों का नामोल्लेख किया है। माला की बोली बढाने में एक जाति से दूसरी जाति वाले व्यक्तियों में बड़ी उत्सुकता रहती थी। इस जयमाल में सबसे पहिले गोलालार अन्त में चतुर्थ जैन श्रावक जाति का उल्लेख किया गया है। रचना ऐतिहासिक है एवं इसकी भाषा हिन्दी (राजस्थानी ) है | इसमें कुल ४३ पथ हैं। ब्रह्म जिनदास ने जयमाल के अन्त में अपना नामोल्लेख निम्न प्रकार किया है। इसी चौरासी जाति जयमाला समाप्त | इति जयमाल के धागे चौरासी जाति की दूसरी जयमाल है जिसमें २६ पद्य हैं और वह संभवतः किसी अन्य कवि की है। } १० जिनदत्तचौपई —३०– जिनदत्त चौपई हिन्दी का आदिकालिक काव्य है जिसको रल्द कवि ने संवत् १३५४ (सन् १२६७) भादवा सुदी पंचमी के दिन समाप्त किया था । " से समकित तह बहू गुण जुत्तहं, माल सुणो तहमे एकमनि । अझ जिनदास भासं विबुध प्रकारों, पढई गुणे जे धम्मं धनि ||४३|| १. राजस्थान जैन शास्त्र भंडारों की ग्रंथ सूची भाग २ २. 2. ४. 37 " " 37 35 " भाग ३ " पृष्ठ ७४ १४ १०६ पृष्ठ १४१ पृष्ठ १५२
SR No.090395
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 4
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages1007
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy