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________________ पूजा एवं प्रतिष्ठादि अन्य विधान ] [ ५३ ३५६. जलगालन किया -- ब्रह्म गुलाल | पत्र संख्या- ५ | साइज - x५ इन्च भाषा - हिन्दी विषयविधान 1 रचना काल -X | लेखन काल - सं० १८१६ वैसाख पुदी | पूर्ण | वेष्टन नं० १००६ । विशेष – रूडमल मौसा ने गारनील में प्रतिलिपि की थी । जिन सहस्रनामपूजा – धर्मभूषण | पत्र संख्या - ६३ | साइज -११x६ इ०च | भाषा-संस्कृत | विषय-पूजा | रचना काल -X | लेखन काल -X | पूर्ण | बेटन नं० ३२१ । ३५७ ३५. जिनसहस्रनामापूजा भाषा-स्वरूपचन्द्र बिलाला । पत्र संख्या - २ | साइज - ११४५ इश्ख । भाषा - हिन्दी | विषय-पूजा रचना काल सं० १३१६ । लेखन काल -X | पू । वेष्टन नं० ३८१ | ३५६. जिनसंहिता – पत्र संख्या - साज - २०१४ रचना काल -X | लेखन काल- सं० १५६० सावख सुदी ५ | भाषा-संस्कृत विषय विधि विधान | पूर्ण वेष्टन नं० २६४ । विशेष – संवत् १९६० वर्षे श्रावण सुदी ५ श्री मूलमंधे बलात्कारगणे सरस्वतीगच्छे श्री कुन्दकुन्दाचार्यान्वये महारक श्री पद्मनन्ददेवाः तत्पष्ट भ० शुभचन्द्रदेवाः तत्पट्ट भ० जिनचन्द्रदेवाः तत् शिष्य मुनि श्री रत्नकीर्त्ति मुनि श्री हेमचन्द्र तदाम्नाये खंडेलवालान्चये सेठी गोत्रे सा० वाल्ह मार्या पर्दा तत्पुत्र साह जीव्हा माय सुहागिणि इदं शास्त्रं सत्पात्रा दत्त इति जिन संहितायां विमानहोम शान्तिहोम गृहहोम विधि समाप्तमिति । नवीन गृह प्रवेश यदि के अवसर पर होम विधि श्रादि दो हुई है। ३६०. तीन लोक पूजा - टेकचन्द | पत्र संख्या - ४०४ | साइज - १२८११६ इन्च | भाषा - हिन्दी | विषय-पूजा । रचना काल-X। लेखन काल - सं० १९२ = सावन बुदी ३ । पूर्ण | वेष्टन नं० ४६८ । विशेष प्रभ्य का मूल्य २७१) लिखा है । ३६१. तीसचौवीसीपूजा भाषा - वृन्दावन | पत्र संख्या- ८४ | साइज - १२३४ ई इ 1 भाषाहिन्दी । विजय–पूजा । रचना काल सं० १८७६ माघ सुदी ५ । लेखन काल - 1 पूर्ण वेष्टन नं० ४११ । ३६२. तीस चौत्रीसीपूजा भाषा" विषय - पूजा | रचना काल-रां० १६०८ | लेखन काल - X ! पूर्ण । वेष्टन नं ० ४१० t विशेष – शत्रु पूजा है । ३६३ तेरहद्वीपपूजा पूजा । रचना काल-X | लेखन काल सं० १२१६ 1 पूर्णं । देष्टन नं ० ४१७ | | पत्र संख्या - ५ | साइज - १२४८ इब | भाषा - हिन्दी । ------- | पत्र संख्या - ४२ | साइज - ११ भाषा-हिन्दी विषय ३६४. दशलक्षण जयमाल - रइनू । पत्र संख्या- | साइज - ६३४५ इस | भात्रा-यवन श | विषय - पूजा | रचना काल -X | लेखन काल - X ३ पूर्ण । वैश्वन नं ० ७ । a
SR No.090394
Book TitleRajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal, Anupchand
PublisherPrabandh Karini Committee Jaipur
Publication Year
Total Pages413
LanguageHindi
ClassificationCatalogue, Literature, Biography, & Catalogue
File Size8 MB
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