________________
46
रचना काल -X | लेखन काल -x खे
विशेष - प्र'ध पर निम्न शब्द लिखे हुये हैं जो शायद बाद के हैं ये श्रावकाचार उमास्वामि का बनाया हुन नहीं हैं कोई जैन धर्म का द्रोही का बनाया हुआ है। झूठा होया सागत है ।
२३१. श्रावकाचार पत्र -११ मा विषय राख चमका १२३२६ ॥
वेष्टन नं० १७५ ।
२३२. धारकाचार अमितगति पत्र संख्या १४-११-विषयथाचार शास्त्र : रचना काल - । लेखन काल - सं० १२.१८ | पूर्ण | वेष्टन न० १०१ ।
२३३. श्रावकाचार -- गुणभूषणाचार्य | पत्र संख्या - १२ | साइज - ११५३ च भाषा-संस्कृत | विषय-आधार शास्त्र । रचना -x खनाल ०१०१७ बुदी २०१७०।
२३४ पोडशकारण भावना वर्शन-पत्र संख्०-२१० इंच भाषा-हिन्दी श्य धर्मं । रचना काले-X | लेखन काल - X | पूर्ण वेष्टन न० ३७८ |
I
विशेष - दशलक्षण धर्म का भी वर्णन है।
२३५ सम्मेदशिखर महात्म्य दीक्षित देवदत्त भाषा संस्कृत विषयधर्ममा १७८ लेखन -X पूर्व वेष्टन नं. ३०२ ॥
!
[ धर्म एवं आधार शास्त्र
२३६. सम्मेदशिखरमहात्म्य - मनसुखसागर | पत्र संख्या - १६५ | साइज - ११४५ ४०२ । भाषा-हिन्दी विश्व-धर्म रचना काल X| झन पूर्वटनं
विशेषाचार्यविरचित 'नीम' में से महात्म्य की भाषा है महात्म्य को एक तिर |
हैवी है।
२३७. सम्यक्त्व पच्चीसी- -भगवतीदास | पत्र संख्या-2 | साइज - ६३४७ ६ | भाषा - हिन्दी | विषय-धर्म रचना का खनाल पूर्व वे नं
२३८. सत्यप्रकाश - डालूराम पत्र संख्या - १ | साइज - ११ विषय-धर्म । रचना काल सं० २०७१ चैत्र सुदी १५. । लेखन काल- ०
बेशास मुदी
पत्र-२११६ च
२३६. संबोधवासिकार
धर्म रचना काल XX पूर्ण वेष्टन नं. १० ।
--
ww.
विशेष नावाओं की संख्या ४२ है अन्तिम गाथा निम्न प्रकार है—
|
| भाषा - हिन्दी ( प ) |
पूर्व
वेष्ठन नं० ८४४
माया-अपभ्रंश विषय