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धर्म एवं प्राचार शास्त्र]
[१६ बशेष-देह को किस २ प्रकार से व्यथा है इसका वर्णन किया हुअा है
५४७. धर्म परीक्षा-श्राचार्य अमितगति । पत्र संख्या-८८ | साइज-११५४५ इंच । माषा-सं५ । विश्य-धर्म । चना काल-सं० १० । लेखन काल-सं० १७६२ पौष शुक्ला २ । पूर्ण 1 वेष्टन नं. १७ ।
विशेष-वृन्दावती गट (वृन्दावन) में प्रतिलिपि हुई पी । लेखक प्रशस्ति निम्न प्रकार है 1 सं० १७१२ मिति पौषमासे शुक्लपक्ष द्वितीया दिवसे वार शुक्रवार लिनितं गढ़ वृन्दावती मध्ये श्री राव सुधसिंह राज्ये नेमिनाथ चैत्यालगे भट्टारक श्री जगतकीर्ति श्राचार्य श्री शुभचन्द्रन शिष्य नानकरामेन शुभं भवन् ।
मंच की एक प्रति और है जो सं० १.७२६ में लिखित है । वेष्टन नं० १८ है :
१७८. धर्म परीक्षा-मनोहरदास सोनी । पत्र संख्या-१२४ । साइज-!.x.: । मात्रा-हिन्दो । (पथ) दिश्य-धर्म । रचन! काल-- । लेखन काल-सं० १७६३ फागृण पुदी १४ । पूर्ण । वेष्टन नं0 52
विशेष-हिन्डौन में प्रतिलिपि हुई थी। इसी मथ की पांच प्रतियां और हैं जो सभी पूग्य हैं तथा उत्तम है।
१७. धर्मविलास-यानतरराय । पत्र संख्या-२१६ । साइज-१०४६ ६४ । मापा-हिन्दी । विषधधर्म । रचना काल-x | लेखन काल-सं० १६४२ | पूर्यो । वेष्टन नं ० ५२३ ।
त्रिशेष-यानतरायजी की रचनाओं का संग्रह है।
१८० धर्मरसायन-पद्मनन्दि । पत्र संख्या-१६ 1 साइज-११४५ इञ्च | मावा-प्राकत | विषय-धर्म । रचना कास-X I लेखन काल-X । पूर्ण । वेष्टन नं. २७ ।
विशेष --- मय की एक प्रति और है जो संवत् १८५४ में लिखी हुई है । वेष्टन नं० २८ है ।
११. धर्मसार चौपई-पं० शिरोमणिदास । पत्र संख्या-३६ । साइज-१०४५ इन ! मापा-हिन्दी। विषय-धर्म । रचना काल--सं० १७३२ बैसाख मुदी ३ । लेखन काल-१८३६ माघ सुदी १ । पूर्ण । वेष्टन नं. ०६ ।
विशेष-प्रति सुन्दर है। इसमें हिन्दी के ७६३ छन्द है । रचना काल निम्न पंक्तियों से जाना जा सकता है।
संवत् १७३२ वैशाख मास उज्ज्वल पुनि दोस । तृतीया अक्षय शनी समेत मविजन को मंगल सच देत ।।
। भाषा--हिन्दी ।
१५२. धर्मपरीक्षा भाषा-बा. दुलीचन्द 1 पत्र संख्या- २७२ । साइज-११४५ विषय-धर्म । रचना कास-सं० १८६८ : लेखन काल-x | पूर्ण । वेष्टम नं० ७८६ ।
विशेष-अंतिम पत्र नहीं है । मूल कर्ता पाचार्य अमित गति हैं ।