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हम समाज से एक निवेदन करना चाहते हैं कि यदि राजस्थान अथवा अन्य स्थानों में प्राचीन शास्त्र भण्डार हों तो वे हमें सूचित करने का कष्ट करें । जिससे हम यहां के भण्डारों की प्रन्थ सूची तैयार करवा सके । तथा उसे प्रकाश में ला सकें।
क्षेत्र के सीमित साधनों को देखते हुये साहित्य प्रकाशन का भारी कार्य जल्दी से नहीं हो रहा है इसका हमें भी दुःख है लेकिन भविष्य में यही आशा की जाती है कि इस कार्य में और भी तेजी श्रावेगी और हम अधिक से अधिक ग्रन्थों को प्रकाशित कराने का प्रयत्न करेंगे।
अन्त में हम बधीचन्दजी एवं ठोलियों के मन्दिर के शास्त्र मण्डार के व्यवस्थापकों को धन्यवाद ढ़िये बिना नहीं रह सकते जिन्होंने हमें शास्त्रों की सूची बनाने एवं समय समय पर ग्रन्थ देखने की पूरी सुविधाएं प्रदान की है। जयपुर
वधीचन्द गंगवाल ता०१५-६-१७